इंदौर, कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की समीक्षा बैठक में शामिल होने पहुंचे पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी को प्रवेश नहीं दिया गया। इससे पटवारी भड़क गए। पटवारी ने कहा कि एडीएम का कॉल आया था कि मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में आपको आना है, लेकिन बुलावे के बाद भी मुझे भीतर नहीं जाने दिया गया। पुलिसवालों ने कहा कि सूची में आपका नाम नहीं है। शनिवार को पटवारी एआईसीटीएसएल के दफ्तर में सीएम समीक्षा बैठक में शामिल होने पहुंचे थे।
पटवारी ने कहा कि मैं तो यहां पर कर्मचारियों के साथ न्याय की बात करने आया था, नर्सों की हड़ताल पर बात करने आया था। कोविड में जिन्होंने काम किया, उन्हें अब जॉब से हटाया जा रहा है, उस पर बात करने आया था। बच्चों की स्कूल फीस को लेकर बात करने आया था। कोविड में मरे लोगों को एक लाख रुपए देने की घोषणा किए जाने के बाद उस प्रक्रिया पर बात करने आया था। लेकिन मुझे यह कह दिया गया की आपका नाम लिस्ट में नहीं है। इसलिए आप सीएम की समीक्षा बैठक में शामिल नहीं हो सकते।
यह इंदौर की जनता का अपमान है
पटवारी ने कहा कि सीएम से यह उम्मीद नहीं थी मुझे। उनके इस व्यवहार से मुझे दुख हुआ। यह मेरा नहीं, इंदौर की जनता और लोकतंत्र का अपमान है। जीतू पटवारी ने कहा कि एक तरफ कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करो, फिर अपमानित करो। यह सीएम का मूलमंत्र है। कोविड में जितने योद्धा था, उनके लिए मैंने सीएम को पत्र भी लिखा था। सोशल मीडिया के माध्यम से भी मांग रखी थी। मैं मीटिंग में मिलने भी आया था। कोविड के बाद शारीरिक के साथ सामाजिक परेशानी आ रही है। जिन्होंने कोरोना में ड्यूटी की, 57 लोग मर गए, योद्धा का सम्मान मिला 7 को। ऐसी जितनी भी सरकार की ओर से घोषणा की गईं, उन पर बात करना था। बच्चों के स्कूल की फीस को लेकर बात करना था। मुझे प्रशासन ने कहा कि आपको इस मीटिंग में आमंत्रित नहीं किया गया है। जन प्रतिनिधि को कोविड की समीक्षा मीटिंग में आमंत्रित नहीं किया गया, यह अपने आप में एक पाप है।
इंदौर में सीएम की समीक्षा बैठक में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को पुलिसवालों ने नहीं दिया प्रवेश
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