स्कूली बच्चों में ड्रग को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, 8वीं-12वीं के 10 फीसदी बच्चे कर रहे ड्रग का नशा

नई दिल्ली, एक ताजा सर्वे में यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है ‎कि 8वीं-12वीं क्लास के 10 फीसदी बच्चे ड्रग का नशा कर रहे हैं। यह सर्वे देश के 10 शहरों में मई 2019-जून 2020 के दौरान किया गया।सर्वे में लगभग 6000 स्टूडेंट्स शामिल हुए। सर्वेक्षण में पाया गया कि 10फीसदी से अधिक छात्रों को ड्रग (इनहेलेंट, भांग, ओपिओइड से लेकर शराब और तंबाकू तक) का यूज किया।
इससे यह भी पता चला कि सर्वेक्षण में शामिल 14 छात्रों में से एक ने पिछले महीने में किसी न किसी नशीले पदार्थ का इस्तेमाल किया था। जबकि समग्र पदार्थ का उपयोग लगभग 10.3फीसदी था।स्कूली छात्रों का एक वर्ष में नशे के लिए यूज किए गए अलग-अलग चीजों में 4फीसदी तंबाकू का उपयोग किया गया। इसके बाद शराब (3.8फीसदी), ओपिओइड 2.8फीसदी (अफीम, हेरोइन और फार्मास्युटिकल ओपिओइड), 2फीसदी कैनाबिस (भांग, चरस और गांजा) का स्थान रहा। इसमें 1.9फीसदी इन्हेलेंट का प्रयोग किया गया। यह सर्वेक्षण श्रीनगर, चंडीगढ़, लखनऊ, रांची, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, इंफाल, डिब्रूगढ़ और दिल्ली में किया गया था।
इसमें पता लगा कि औसतन 13 साल की उम्र में बच्चों ने कोई ना कोई ड्रग का यूज शुरू किया। इन्हेंलेंट का यूज शुरू करने वाले बच्चों की औसत उम्र 11 साल और फार्मास्युटिकल ओपिओइड के लिए यह 12 वर्ष थी।यह डेटा सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के तहत एम्स के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर द्वारा किए गए एक स्टडी का हिस्सा है।

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