कल सिंधिया भोपाल में पार्टी के दिग्गज नेताओं से करेंगे मुलाकात

भोपाल, प्रदेश में चल रही निगम-मंडल, संगठन और मंत्रिमंडल विस्तार की अटकों के बीच मध्यप्रदेश में सियासी पारा हाई है। राज्यसभा सांसद 15 दिन में दूसरी बार मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के तूफानी दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं। सिंधिया मंगलवार को शिवपुरी, गुना, अशोकनगर के दौरे पर हैं। बुधवार को वे राजधानी में भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। सिंधिया के दौरे से पहले ही कई समर्थक भी निगम-मंडलों के लिए कोशिशों में सक्रिय हो गए हैं।
राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। वे रविवार रात को ही ग्वालियर पहुंचे। इसके बाद मंगलवार सुबह शिवपुरी, गुना और अशोक नगर के दौरे पर निकल पड़े। सिंधिया बुधवार को भोपाल में रहेंगे। इस दौरान उनकी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संगठन के बड़े नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रम है। उनके इस दौरे से कई सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं। लोग इसे निगम-मंडल में अपने समर्थकों की नियुक्ति, संगठन और मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देख रहे हैं। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि सिंधिया जल्द ही केंद्र की मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने जा रहे हैं। इसे लेकर भी वे भाजपा के बड़े नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।
भदौरिया के घर करेंगे डिनर
भोपाल दौरे पर सिंधिया मंत्री और विधायकों से मुलाकात करेंगे। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा समेत आरएसएस के पदाधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे। सिंधिया सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के घर डिनर करेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान राजनीतिक और निगम मंडलों पर भी चर्चा होगी। चर्चा का विषय है कि सिंधिया के लगातार दौरे से उनकी सक्रियता बढ़ गई है। जब तक निगम मंडल की नियुक्ति नहीं होती, जब तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में सिधिया को केंद्र में मंत्री बनने तक यह अटकलें जारी रहेंगी।
-इनको है पद का इंतजार
सिंधिया के समर्थक नेताओं को पद का इंतजार है। इनमें पूर्व मंत्री इमरती देवी, गिर्राज दंडोतिया और एंदल सिंह कंषाना प्रमुख हैं। यह लोग चुनाव हार गए थे, इसलिए इन्हें मंत्री नहीं बनाया जा सका। इसके एवज में इन्हें निगम मंडलों में एडजस्ट किए जाने की चर्चा काफी समय से चल रही है। यह लोग भी चाहते हैं कि किसी पद पर इन्हें एडजस्ट कर दिया जाए। इनके अलावा कुछ समर्थक नेताओं को आठ जून को गठित प्रदेश कार्यसमिति में जगह दी गई है।

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