पंजाब में विधायकों के बेटों को सरकार में नौकरी मिलने से छिड़ा विवाद

चंडीगढ़, पंजाब सरकार ने कांग्रेस के दो विधायकों के बेटों को विशेष मामले के तहत पुलिस निरीक्षक और नायब तहसीलदार नियुक्त करने का निर्णय लिया, जिसके बाद शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार की आलोचना की। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार, अनुकंपा के आधार पर एक विधायक के बेटे को निरीक्षक और दूसरे के बेटे को नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्त किया जाना है। आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया, एक विशेष मामले में, मंत्रिमंडल की बैठक में अर्जुन प्रताप सिंह बाजवा को पंजाब पुलिस में निरीक्षक (समूह बी) और भीष्म पांडेय को राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार (समूह बी) के पद पर नियुक्त करने का निर्णय लिया गया। अर्जुन, फतेहजंग सिंह बाजवा के बेटे हैं जबकि भीष्म, राकेश पांडेय की संतान है। सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जारी किए गए बयान में कहा, आवेदनकर्ता अर्जुन बाजवा, पंजाब के पूर्व मंत्री सतनाम सिंह बाजवा के पोते हैं जिन्होंने 1987 में राज्य में शांति के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। उन्हें नियमों में एक बार मिली छूट के तहत नियुक्ति दी गई है और इसे हर मामले में दोहराया नहीं जा सकता। मंत्रिमंडल ने एक अन्य मामले में, राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के रूप में भीष्म पांडेय की नियुक्ति को मंजूरी दी जो जोगिंदर पाल पांडेय के पोते हैं, जिनकी 1987 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी।

 

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