चंडीगढ़, एलोपैथी के खिलाफ योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर ऐलोपैथी डॉक्टरों में उत्पन्न हुआ रोष खत्म नहीं हो रहा है। बाबा के खिलाफ पंजाब के मलोट की अदालत में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से मुकदमा दायर हुआ है। जिस पर अगली सुनवाई 13 अक्टूबर को होगी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मलोट वेस्ट के प्रधान पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर गुरदीप सिंह भुल्लर ने बताया कि डॉक्टरों ने कोरोना में अपनी जान की परवाह न करते काम किया लेकिन बाबा ने डॉक्टरों खिलाफ अपमानजनक शब्दावली का इस्तेमाल करके डॉक्टरों को अपमानित किया है। उन्होंने कहा कि रामदेव ने अपना व्यापार बढ़ाने के लिए लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है। डॉक्टर भुल्लर ने कहा कि कोरोना का इलाज सिर्फ वैक्सीन ही है, जो लोगों को बचा सकती है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि अतीत में भी रामदेव स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में डॉक्टरों को ‘हत्यारा’ बता चुके हैं। आईएमए का कहना है कि योग गुरु और उनके सहयोगी बालकृष्ण बीमारी के समय आधुनिक चिकित्सा और एलोपैथी का उपचार लेते रहे हैं और अब बड़े पैमाने पर जनता को गुमराह करने के लिए वह झूठे और निराधार आरोप लगा रहे हैं, ताकि वह अपनी अवैध और अस्वीकृत दवाओं को बेच सकें।
गौरतलब है कि स्वामी रामदेव ने कहा था कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों लोगों की मौत हुई है। उन्होंने एलोपैथी को ‘स्टुपिड और दिवालिया साइंस’ भी कहा था।