पैरिस, राफेल नडाल की मौजूदगी का मतलब था कि फ्रेंच ओपन के शुरू होते ही चैंपियन की इबारत भी लिख दी जाती थी। लेकिन बार ऐसा नहीं हुआ। नडाल को पहली बार सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। राफेल नाडाल को लाल बजरी का बादशाह कहा जाता है और यह नाम उन्हें यूं ही नहीं मिल गया। उनके नाम 13 फ्रेंच ओपन खिताब हैं, जिसका मतलब यह है कि इस कोर्ट पर उन्हें रोक पाना आसान नहीं है। पर शुक्रवार को हुए मुकाबले में नोवाक जोकोविच ने यह काम कर दिखाया। उन्होंने राफेल नडाल का 14वां फ्रेंच ओपन जीतने का सपना तोड़ दिया।
सेमीफाइनल में नडाल को अप्रत्याशित रूप से हार का सामना करना पड़ा। क्ले कोर्ट पर 108 मैचों में से यह नडाल की सिर्फ तीसरी हार थी। पहले सेट गंवाने के बाद जोकोविच ने दमदार वापसी की। इस तरह उन्होंने 3-6, 6-3, 7-6 (4), 6-2 से मैच अपने नाम कर लिया। चार घंटे 11 मिनट तक चले इस मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों में करारी टक्कर देखने को मिली। हालांकि सर्बियाई खिलाड़ी जोकोविच ने आखिरी के छह गेम्स जीतकर मुकाबला अपने नाम कर लिया। अब जोकविच की नजरें अपने दूसरे फ्रेंच ओपन और 19वें ग्रैंड स्लैम खिताब पर होंगी। ऐसा पहली बार हुआ है कि नडाल फ्रेंच ओपन के सेमीफाइनल में पहुंचन के बाद खिताब नहीं जीते हों।
फाइनल में जोकोविच का सामना पांचवीं वरीयता प्राप्त स्टीफन्स सिसिपास से होगा। यह जोकोविच के करियर का 29वां ग्रैंड स्लैम फाइनल है और सिसिपास का पहला। ग्रीक खिलाड़ी ने जर्मनी ने एलेक्सेजेंडर जेवेरेव को हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई है। अगर रविवार को जोकोविच जीत जाते हैं तो बीते 50 साल में वह पहले खिलाड़ी होंगे जिन्होंने चारों ग्रैंड स्लैम दो बार जीते हों।
जोकोविच ने इससे पहले 2016 में फ्रेंच ओपन का खिताब जीता था। वहीं नडाल को उन्होंने 2015 में फ्रेंच ओपन में हराया था। इसके साथ ही वह फ्रेंच ओपन में नडाल को दो बार हराने वाले इकलौते खिलाड़ी भी बन गए। सिसिपास ने इससे पहले सेमीफाइनल में ज्वेरेव को 6-3, 6-3, 4-6, 4-6, 6-3 से हराया था। 35 वर्षीय नडाल ओपन एरा में फ्रेंच ओपन के फाइनल में पहुंचने वाले सबसे अधिक उम्र के खिलाड़ी हैं। वह रोजर फेडरर के साथ 20 ग्रैंड स्लैम पर बराबरी पर हैं।