जबलपुर,कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए अगस्त के पहले सरकारी-प्राइवेट स्कूल खुलने के आसार नहीं हैं। तीसरी लहर नहीं आई और हालात सामान्य रहे तो ही अगस्त में स्कूल खोले जा सकेंगे। इसे लेकर सरकार ने स्कूल संचालक, एक्सपर्ट से बात की है जिसमें समान रूप से यही निकलकर आया कि जुलाई आखिरी तक स्कूल नहीं खोले जाने चाहिए।
परीक्षा का अब कोई दबाव नहीं
राज्य सरकार इस पर गंभीरता से विचार कर रही है कि जुलाई अंत तक कोई स्कूल न खोले जाएं। वैसे भी अब किसी तरह की परीक्षा का दबाव भी नहीं है। सभी तरह के स्कूलों में १५ जून से एडमिशन देने के साथ ऑनलाइन कक्षाएं फिर से चालू करने की अनुमति देने के पीछे भी यही कारण है।
सूत्रों ने बताया कि इस बार सरकार पवर डेलीगेट करने जा रही है। पहले राज्य स्तर पर फैसले होते थे, अब कोरोना संक्रमण के हालात, जिले और स्कूलों में मौजूद संसाधनों के आधार पर निर्णय होंगे। इसके लिए अधिकार कलेक्टर और जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को दिए जा सकते हैं। कमेटी से कहा जाएगा कि वह अपने यहां के शिक्षाविदों, एक्सपट्र्स और स्कूल संचालकों से चर्चा करके ही फैसला लें।
कहां के स्कूल पहले खुलेंगे, क्या फार्मूला होगा?
सरकार एक फार्मूला निकाल रही है जिसके अंतर्गत जहां न्यूनतम ५० प्रतिशत लोगों को पहली वैक्सीन लग गई हो और संक्रमण दर न्यूनतम स्तर पर हो वहां स्कूल खोलने पर पहले विचार किया जाएगा। कोरोना संक्रमण दर के साथ छोटे बच्चों के माता-पिता के वैक्सीनेशन की भी मॉनिटरिंग की जाएगी।
कहां के स्कूल खोलने में ज्यादा चुनौती होगी, गांव या शहर?
ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में ज्यादा समस्या नहीं है क्योंकि वहां बच्चों की संख्या कम है। संक्रमण दर कम है और डिस्टेंस भी पर्याप्त है। विभाग के अफसरों ने कहा- हमारे लिए शहर के स्कूल चुनौती हैं। वहां अधिक बच्चे हैं, इसलिए स्कूल वाइज फैसला करना पड़ेगा, उनकी जरूरत और परिस्थिति के अनुसार ही स्कूल खोलने की रणनीति बनेगी और मंजूरी दी जाएगी।
क्रम से खुलेंगे स्कूल
सबसे पहले शिक्षक और निजी स्कूलों के संचालकों को बुलाकर उनसे तैयारी पर बात की जाएगी। पहला फोकस १२वीं और १०वीं की क्लासेस शुरू करने पर रहेगा। उसके बाद नौवीं-११वीं की चालू करेंगे। इसके बाद छठीं से आठवीं और सबसे आखिरी में पहली से पांचवीं की क्लासेस शुरू होगी। इसमें इतना बदलाव हो सकता है कि नौवीं से १२वीं तक की क्लासेस एक साथ चालू हो जाएं।