छिंदवाड़ा , कोविड आपदा के दौरान रक्तदान में आयी कमी के कारण ब्लड बैंक प्रभावित हुए हैं। ऐसे में युवाओं से रक्तदान के लिए लगातार अपील की जा रही है। कोरोना संकट के बीच आमजन कई अन्य घातक बीमारियों के उपचार में समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इनमें ऐसे रोग शामिल हैं जिनके इलाज के लिए मरीज को खून की हमेशा जरूरत होती रहती है। ऐसे विपरीत समय में अस्पताल में खून के दलाल सक्रिय है जो आपदा में भी खून का सौदा कर चांदी पीट रहे हैं। खून की कमी से जूझ रहे मरीजों की परेशानी का सबब बन गया है। इस संकटकाल में रक्तदान करने वालों की संख्या में कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग सहित संस्थाएं रक्तदान की अपील भी कर रहा है। शुक्रवार को ऐसा ही एक मामला जिला अस्पताल के फिमेल वार्ड में सामने आया। जहां पीलिया की बीमारी से पीड़ित एक मरीज को खून दिलाने के नाम पर दलाल ने 15 सौ रूपए झटक लिए। ढीमरीढाना निवासी मरीज के परिजन के मुताबिक खून की कमी से जूझ रहे उनके मरीज को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां एक बार परिजनों ने ही उसे ब्लड दिया, दूसरी बार फिर चिकित्सक की सलाह पर उसे ब्लड लगना था, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उसे ब्लड नहीं मिल सका। इसके बाद उन्हें अस्पताल का ठेका सफाई कर्मी मिला जिसने 15 सौ रूपए लेकर उन्हें ब्लड उपलब्ध कराया। हालांकि परिजनों ने इस बात की शिकायत अस्पताल प्रबंधन से नहीं की है।
आपातकाल में रोगियों को होती है ब्लड की जरूरत
रक्तविकार संबंधी कई ऐसी बीमारियां हैं जिसके लिए ब्लड की जरूरत होती है। ऐसे में उनलोगों का ध्यान रखना भी सभी की जिम्मेदारी हो जाती है। रक्तविकार की समस्याओं जैसे थैलीसीमिया, हीमोफीलिया व ब्लड कैंसर से प्रभावित लोगों को रक्त की हमेशा जरूरत होती है। एनीमिया प्रभावित गर्भवती महिलाओं के प्रसव संबंधी जोखिम को कम करने के लिए भी रक्त की जरूरत होती है। अत्यधिक रक्तस्राव से प्रसूता की जान भी जा सकती है। वहीं अन्य प्रकार के सर्जरी के दौरान भी रक्त की जरूरत लोगों को होती है। ऐसे समय के लिए अधिकतर लोग ब्लड बैंक पर ही निर्भर होते हैं। खून की आवश्यकता की पूर्ति तभी संभव है जब ब्लड बैंक में पर्याप्त खून का भंडारण किया गया हो। ऐसे में एक स्वस्थ्य व्यक्ति द्वारा रक्तदान किया जाना महादान माना जाता है।