नई दिल्ली, चक्रवाती तूफान ताउते के दौरान अरब सागर में फंसे चार जहाजों में से एक पी-305 पर मौजूद लोगों में से कम से कम 26 की मौत हो चुकी है, 49 लोग अब भी लापता हैं। मंगलवार और बुधवार को महाअभियान के दौरान अब तक अरब सागर से 26 शवों को निकाला गया है और लापता को ढूंढने का काम जारी है। यह छोटा जहाज चक्रवात के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और फिर डूब गया था। नौसेना के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। नौसेना की ओर से बताया गया कि बेहद खराब मौसम से जूझते हुए उसके जवानों ने बजरे पी-305 पर मौजूद 273 लोगों में से अब तक 186 को बचा लिया है, दो लोगों को ‘ठगबोट’ वारप्रदा से बचाया गया है। बार्ज पी-305 के अलावा गाल कंस्ट्रक्टर पर 137 लोग फंसे थे, इन सभी को सुरक्षित बचा लिया गया है। बार्ज एसएस-3 पर 202 और सागर भूषण पर 101 लोग फंसे हैं इंडियन नेवी के मुताबिक, ये सभी लोग सुरक्षित हैं और इन्हें खाना-पानी जैसी चीजें मुहैया कराई गई हैं। इन जहाजों को ओएनसीजी की मदद से खींच कर वापस लाने की कोशिश जारी है। नौसेना के एक अधिकारी ने बताया, तलाश एवं बचाव अभियान अभी जारी है और लोगों को तट तक सुरक्षित लाने की उम्मीद हमने अब तक नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि हालांकि लोगों के सुरक्षित मिलने की उम्मीद समय बीतने के साथ क्षीण पड़ती जा रही है। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि दो अन्य जहाजों तथा एक ऑयल रिग पर मौजूद सभी लोग सुरक्षित हैं। इस बीच नौसेना का युद्धपोत आईएनएस कोच्चि पी-305 से बचाए गए 186 लोगों में से 125 को लेकर बुधवार सुबह मुंबई पहुंचा। प्रवक्ता ने बताया कि इनके साथ ही 22 शवों को भी लाया गया। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया, बुधवार तक पी-305 पर मौजूद 186 कर्मियों को बचा लिया गया है। आईएनएस तेग, आईएनएस बेतवा, आईएनएस ब्यास, पी81 विमान और हेलीकॉप्टरों की मदद से तलाश एवं बचाव अभियान जारी है। नौसेना और तटरक्षक बल ने जीएएल कन्स्ट्रक्टर में मौजूद 137 लोगों को मंगलवार तक बचा लिया था। अधिकारियों ने बताया कि बजरे एसएस-3 पर मौजूद 196 लोग और ऑयल रिग सागर भूषण पर मौजूद 101 लोग सुरक्षित हैं। ओएनजीसी तथा एससीआई के पोतों के जरिए इन्हें तट तक सुरक्षित लाया जा रहा है। बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए क्षेत्र में आईएनएस तलवार भी तैनात है। नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल मुरलीधर सदाशिव पवार ने कहा कि यह बीते चार दशक में सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण तलाश एवं बचाव अभियान है।