पटना,बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने सोमवार को साफ़ कर दिया की 2019 में प्रधान मंत्री के लिए वह विपक्षी बनने पार्टियों का उम्मीदवार हों उनकी ऐसी कोई इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा की कांग्रेस विपक्षी दलों में सबसे पार्टी है। इसलिए विरोध का एजेंडा उसे ही तैयार करना चाहिए। बिहार के मुख्यमंत्री और जेडी यू नेता ने कहा,विपक्ष के पास एक एजेंडा होना चाहिए ताकि यह पता चल सके हर मुद्दे पर विपक्ष की राय क्या है। इस प्रकार बिहार की राजनीति में कई दिनों से चल रही अफवाहों पर सोमवार को विराम लग गया। एक पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा है कि एनडीए में उनके जाने का लोग कयास लगाना छोड़ दें। महागठबंधन मजबूत है और रहेगा। उन्होंने जदयू नेताओं को फटकार भी लगाई और कहा कि महागठबंधन और राजद की रैली पर कोई बयान नहीं दें। यह भी कहा कि राजद की रैली में मुझे बुलावा आया तो मैं जरूर जाऊंगा।
कार्यकारिणी की बैठक रविवार को पार्टी प्रदेश कार्यालय में ढाई घंटे से अधिक समय तक चली। इसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह ने की। बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने इसकी पुष्टि की कि 27 अगस्त को होने वाली राजद की रैली में मुख्यमंत्री को बुलावा आता है तो वे निश्चित जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में हमने भाजपा को समर्थन नहीं दिया है। हमने व्यक्ति विशेष के रूप में रामनाथ कोविंद को समर्थन दिया है। उन्होंने बिहार का राज्यपाल रहते हुए बेहतर काम किया है। हमेशा राज्य सरकार के साथ उनका बेहतर संबंध रहा। विपक्षी दलों के राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने के पहले रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा हो गई थी। हमने उन्हें बधाई दी और अपना मत कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद को बता दिया था। एनडीए में रहते हुए भी हमने यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को समर्थन दिया था। जीएसटी का समर्थन हमने यूपीए सरकार के समय भी किया था। हमने नोटबंदी का भी समर्थन किया। देश हित में जो हो, वही फैसला हम लेते हैं।
कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को भी दो टूक जवाब दिया। कहा कि हम सिद्धांत नहीं बदलते। सवालिया लहजे में कहा कि क्या कांग्रेस गांधी नेहरू के सिद्धांत पर चल रही है। आजादी के बाद भी गांधी के सिद्धांतों पर कांग्रेस चली थी क्या। कांग्रेस को उन्होंने सावधान भी किया कि जहां उसे भिड़ना चाहिए, उसे छोड़ वह कहीं और भिड़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया है। हम अपने सिद्धांतों पर चलते हैं। हमारा एक सिद्धांत है और हम उस पर अटल हैं। हम किसी के पिछलग्गू नहीं हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति उम्मीदवार पर फैसले के संदर्भ में टिप्पणी की थी कि नीतीश कुमार दो सिद्धांतों पर चल रहे हैं।
2019 में विपक्षी दलों का PM प्रत्याशी बनने की कोई इच्छा नहीं -नीतीश
