जबलपुर, नकली रेमडिसिवर इंजेक्शन के खतरनाक खेल का खुलासा होने के बाद हर दिन नये नये खुलासे हो रहे हैं, कहा यहां तक जा रहा है की यदि निष्पक्ष जांच हुई तो जबलपुर में दवा माफिया का एक बड़ा नेक्सेस सामने आ सकता है।
हाईप्रोफाइल मामले की जांच शनिवार रात 3 बजे तक चलती रही। ओमती एवं अधारताल पुलिस के साथ एएसपी शहर रोहित काशवानी मामले की हर एंगल से जांच करते रहे। रात में पुलिस ने विजय नगर निवासी एक युवक के बयान दर्ज करते हुए सिटी अस्पताल से कुछ दस्तावेजों का बारीकी से परीक्षण किया है। रविवार सुबह से भी पुलिस गहराई से प्रमाण इकट्ठा करने में जुट है. इस मामले में आमेती थाने में सिटी अस्पताल की भूमिका को लेकर प्रमुख प्रसासनिक अमले के तीन लोगों से सघन पूछताछ की गई. सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में पुलिस को ऐसे सुराग मिले हैं जिसमें शहर के कई बड़े नाम जांच के दायर में आ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर गुजरात पुलिस से लगातार जबलपुर पुलिस संपर्क में है।
४०० नकली इंजेक्शन खपाए गये
इधर अधारताल पुलिस ने उक्त मामले में कार्रवाई करते हुए सत्येंद्र मेडिकोज से ४ इंजेक्शन जब्त किए हैं। मेडिकोज से मिले इंजेक्शनों को ड्रग इंस्पेक्टर मनीषा धुर्वे ने परीक्षण के लिए लेब भेजा है। गौरतलब है कि गुजरात में नकली रेमडेसिविर बनाने की फैक्टरी में पड़ी रेड के बाद गुजरात पुलिस जबलपुर पहुंची थी। जबलपुर में ४०० नकली रेमडेसिविर अस्पतालों में खपाने की बात सामने आई थी। नकली इंजेक्शन की विस्तृत जांच करने के लिए जबलपुर पुलिस की एक टीम इंदौर के लिए रवाना की गई है। गुजरात फैक्टरी में पकड़े गए सुनील मिश्रा से हुई सघन पूछताछ में अधाारताल निवासी सपन जैन का नाम उजागर हुआ था। सुनील मिश्रा एवं सपन जैन द्वारा दिए जा रहे बयान के आधार पर पुलिस हर पहलु की जांच कर रही है। वहीं इस संबंध में ओमती पुलिस ने देर रात विजय नगर निवासी एक युवक से इंजेक्शन के संबंध में सघन पूछताछ की है।
सिटी अस्पताल पर सवाल बरकरार
उल्लेखनीय है कि गुजरात पुलिस द्वारा सपन जैन नामक युवक को हिरासत में ले गई थी जिसके बाद परिजनों ने चौका देने वाली जानकारी देते हुए बताया था कि सिटी अस्पताल द्वारा सपन से इंजेक्शन का लेनदेन किया गया है जहां जीएसटी नंबर के साथ बिल भी देने को कहा गया था ,परिजनों के अस्पताल पर आरोप लगते ही कल से ही नकली रेमडेसीवर मामले में भूचाल सा मचा है ,परिजनों का आरोप था कि सिटी अस्पताल से उसके भतीजे को ७० लाख रुपय दवाई के लेने थे मांगने पर संचालक सरबजीत सिंह मोखा ने उससे कहा कि तुम गुजरात से यह इंजेक्शन ले आओ ,उसके बाद मैं तुम्हें ५० लाख रुपए रिलीज कर दूंगा .जिसके लिए उन्होंने बकायदा इंजेक्शन करने वाले डीलर का नंबर भी सपन जैन को दिया था.
मोखा ने दी सफाई
वहीं दूसरी तरफ सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा का भी पक्ष सामने आया है जहां उनका कहना है कि जो भी बयान आ रहे हैं वह गलत है हमने आज तक उससे कोई भी रेमडेसीवर इंजेक्शन नहीं लिए हैं ।वह एक दवा व्यापारी है अस्पताल में रेगुलर दवा की सप्लाई करता है जिसका भुगतान भी निर्धारित समय पर होता रहता है ।हमें जो भी रेमडेसीवर इंजेक्शन मिलते हैं वह शासन से या जिस कंपनी में हमारा अकाउंट है उससे मिलते हैं।
अधिकारियों का कहना है.
पूरे मामले की जांच जारी है तथा लगातार प्रमाण इकट्ठे किए जा रहे हैं इस दौरान हर बिंदु पर सिटी अस्पताल के प्रशासनिक विंग्स के कर्मचारियों से बयान लिए जा रहे हैं जो भी प्रमाण व नाम सामने आएंगे सभी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
रोहित कासवानी एडिशनल एसपी, जबलपुर।
मामले में हर बिंदु से विवेचना जारी है, कब गुजरात गए ,कब आये,रुपए का लेंन देन , पेमेंट का माध्यम, साक्ष्य भी एकत्र किए जा रहे हैं।
आर .डी. भारद्वाज सी एस पी ओमती।
नकली रेमडेसिविर मामले की विस्तृत जांच चल रही है। दस्तावेजों के अवलोकन के साथ- साथ संबंधित एवं संदिग्ध लोगों के बयान लिए जा रहे हैं। मामला बेहद गंभीर है, आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सिद्धार्थ बहुगुणा,एसपी जबलपुर।