ग्वालियर के अस्पताल मे कोरोना मरीज की मौत के बाद.शव देने के लिए मांगे 2 लाख

ग्वालियर,कोरोना महामारी के बीच निजी अस्पताल संचालक मरीजों और उनके परिजनों के साथ लूट खसोट करने में लगे हैं।। बीती रात एक निजी अस्पताल में कोरोना से मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा मृतक के परिजनों से 2 लाख रुपए देने की मांग की है। लाख रुपए नहीं मिलने के कारण अस्पताल प्रबंधन परिजनों को मृतक शव देने को तैयार नहीं हुए।।
जानकारी के अनुसार प्रेम नगर में रहने वाले 65 वर्षीय राजेंद्र शर्मा को कई दिन से बुखार आ रहा था जो दवा लेने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा था। इसके चलते करीब एक सप्ताह पूर्व खराब होने पर पड़ाव स्थित एक निजी अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाया। डॉक्टरों ने चेकअप के बाद श्री शर्मा को कोरोना का संदेह जताया। इसके चलते अस्पताल के डॉक्टरों ने श्री शर्मा का रेपिड टेस्ट और सीटी .स्कैन कराया रेपिड टेस्ट में श्री शर्मा को कोरोना की पुष्टि हुई। यहाँ सीटी स्कैन में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव थी। रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें कोरोना वार्ड में भर्ती किया। बीती रात : इलाज के दौरान श्री शर्मा की मौत हो गई। सूचना मिलने पर परिवार के लोगों ने उनका शव मांगा तो अस्पताल प्रबंधन ने उनका शव देने से इनकार कर दिया। अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि पहले 2 लाख रुपए दो तब शव| मिलेगा। इस पर श्री शर्मा के परिवार वालों ने अस्पताल प्रबंधन से बिल मागा।। श्री शर्मा के बेटे गौरव शर्मा ने बताया कि इस दौरान अस्पताल प्रबंधन ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर उनसे हर बार एक इंजेक्शन के 50 हजार से 60 हजार रुपए लिए इंजेक्शन के लिए उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को करीब 3 लाख रुपए दिए। इसके अलावा जो दवाइया अस्पताल प्रबंधन द्वारा मगाई गई इसका खर्च भी श्री शर्मा के परिजनों ने ही उठाया। श्री शर्मा के इलाज में करीब 5 लाख रुपर परिवार के लोगों के खर्च हो गए गौरव ने बताया कि डॉक्टरों ने उनका क्या इलाज किया इसकी कोई जानकारी ही नहीं दी। वहीं अस्पताल प्रबंधक मुकेश खंडेलवाल का कहना है कि अस्पताल का बिल बकाया था, लेकिन बातचीत से मामला सुलट गया है।

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