इस बार बच्चों और युवाओं को कोरोना बना रहा ज्यादा निशाना, अलग-अलग वायरस के म्यूटेशन भी मिले

नई दिल्ली, कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा देखने को मिल रहा है। कई राज्यों में नवजात बच्चों से लेकर 10 साल से छोटी उम्र के बच्चों में भी संक्रमण हो रहा है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, उत्तरप्रदेश सहित राजधानी दिल्ली में बच्चों में कोरोना संक्रमण पाया जा रहा है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के ये आंकड़े अभिभावकों को चिंता में डाल सकते हैं। 10 साल से कम उम्र के बच्चों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार लगातार तेज हो रही है।
हालांकि 11 से 17 साल की उम्र के बच्चों में संक्रमण की रफ्तार ज्यादा तेज पाई गई है। 1 मार्च से 4 अप्रैल के बीच इस उम्र वर्ग में कोरोना संक्रमण के आंकड़े चिंता में डाल रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 3644, दिल्ली में 1630, कर्नाटक में 5280, यूपी में 1862 और महारष्ट्र में सबसे ज्यादा 36142 बच्चे 11 से 17 साल की उम्र के बीच कोरोना संक्रमित मिले। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि बच्चों में फैल रहे कोरोना के पीछे नए वेरियंट की मौजूदगी सबसे बड़ा कारण है।
आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केके अग्रवाल ने बताया कि दूसरी लहर में अलग-अलग वायरस के म्यूटेशन हैं। उसमें से एक जो सबसे ज्यादा पंजाब से है वहां यूके का वेरियंट है। ये वायरस बच्चों में ज्यादा फैल रहा है। हमें 10 साल से कम उम्र के बच्चों में भी दिखायी दे रहा है, लेकिन वायरस पहले की तरह बच्चों में सीरियस नहीं है। मोर्टालिटी, न्यूमोनिया नहीं है। आगे जाकर क्या होगा ये अभी पता नहीं है। पांच साल से ऊपर के बच्चों को मास्क पहनकर खुद को बचाने की जरूरत है। वहीं एम्स के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा ने बताया कि 18 साल से नीचे 8.5 प्रतिशत बच्चे सितंबर महीने में संक्रमण का शिकार हुए थे जिसमें मौत के आंकड़े न के बराबर रहे। कोरोना की दूसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है इस आशंका से इनकार भी नहीं किया जा सकता। डॉ. एमसी मिश्रा ने कहा कि पिछले साल सितंबर में 18 साल से कम उम्र के बच्चों में 8.5 फीसदी केस रिपोर्ट हुए थे और मौत रेयर थी। अधिकतर बच्चे ठीक हो गए बिना गंभीर हुए। म्यूटेशन देखने को मिल रहा है। खासकर संक्रमण को फैलाने की गति तेज हुई है। महाराष्ट्र में कोविड अप्रोप्रिएट बिहैवियर का पालन बेहद जरूरी है। बच्चों के अंदर भी कोई अलग लक्षण नहीं है जो बड़ों में हैं वही हैं।

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