पुणे वन डे में कप्तानी को लेकर कोहली निशाने पर गेंदबाजी में गलत बदलाव के लगे आरोप

नई दिल्ली, इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भारत को दूसरे वनडे में इंग्लैंड से मिली करारी हार के बाद विराट कोहली की कप्तानी पर सवाल खड़े किए हैं। कोहली ने जिस तरह गेंदबाजी में बदलाव किए हैं, उससे वॉन खुश नहीं हैं। उन्होंने कोहली की कप्तानी को खराब बताते हुए कहा कि दूसरे वनडे में जब इंग्लैंड के बल्लेबाज तेजी से रन बटोर रहे थे और जीत तय नजर आ रही थी, तब भी कोहली ने अपने अहम गेंदबाजों भुवनेश्वर कुमार और प्रसिद्ध कृष्णा को गेंदबाजी आक्रमण से हटा दिया।
गेंदबाजी का यह प्लान बिल्कुल साधारण था। भारत को अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का इस्तेमाल करना था। अगर मैच पर नजर डालें तो वॉन ने कोहली की कप्तानी को लेकर जो सवाल खड़े किए हैं, वे सही नजर आ रहे हैं। इंग्लैंड की पारी के 36वें ओवर में भुवनेश्वर कुमार ने बेन स्टोक्स को आउट किया। अगले ही ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा ने जॉनी बेयरस्टो और जोस बटलर दोनों के विकेट झटक लिए। उस समय भी इंग्लैंड को जीतने के लिए 50 रन की जरूरत थी और अगर एक-दो विकेट और जल्दी मिल जाते, तो मैच का रुख बदल सकता था। लेकिन विराट ने दोनों ही गेंदबाजों को मोर्चे से हटाकर दोबारा स्पिनर्स को गेंद थमा दी। उनका यह फैसला गलत साबित हुआ और पहले से ही महंगे साबित हो रहे कुलदीप और क्रुणाल के इंग्लिश बल्लेबाजों ने काफी रन बटोरे और भारत मैच से पूरी तरह बाहर हो गया।
वॉन ने गेंदबाजी के साथ ही भारतीय बल्लेबाजी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि इस मैच से टीम इंडिया को सीख लेनी चाहिए। भारत ने 40 ओवर तक विकेट बचाने के लिए धीमी बल्लेबाजी की, जबकि उनकी बल्लेबाजी में गहराई के साथ इतनी ताकत थी कि पुणे जैसे फ्लैट विकेट पर टीम 375 से ज्यादा का स्कोर खड़ा कर सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अगर भारत भविष्य में इस तरह की सुरक्षित बल्लेबाजी करता है तो दो साल बाद होने वाले वर्ल्ड कप में उसको खामियाजा उठाना पड़ सकता है।
वॉन के साथ ही संजय मांजरेकर ने भी भारतीय बल्लेबाजी को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मिडिल ओवर्स में भारतीय बल्लेबाजों को इंग्लैंड के स्पिनर्स के खिलाफ आक्रामक खेल दिखाना चाहिए था। अगर वे ऐसा करते तो टीम इंडिया बड़ी आसानी से 350 से ज्यादा रन बना लेती। मांजरेकर की बात में इसलिए भी दम है क्योंकि 35 ओवर में भारत का स्कोर तीन विकेट के नुकसान पर 173 रन था। इस वजह से बाद के 15 ओवर में 163 रन जोड़ने के बावजूद भारत 336 रन तक ही पहुंच सका। दूसरी तरफ, इंग्लैंड ने अपने पहले 35 ओवर में ही 281 रन बना लिए थे। इसलिए उसे 337 रन के लक्ष्य का पीछा करने में कोई परेशानी नहीं हुई।

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