इस बार घर पर ही मनानी होगी होली दिल्ली मुंबई यूपी एवं मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों की जारी हुई गाइडलाइंस

नई दिल्ली, कोरोना की दूसरी लहर के कहर के चलते होली के रंग में भी भंग पड़ता दिख रहा है। समाज का पर्व कहे जाने वाले होली को भी इस बार समूह में मनाने से बचना होगा। दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों और शहरों में प्रशासन ने होली को लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं। ऐसे में त्योहार मनाने के साथ ही इन गाइडलाइंस का ध्यान भी रखना होगा ताकि रंग में भंग की स्थिति न पैदा हो। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को ही आदेश दिया है कि सार्वजनिक जगहों पर होली समेत दूसरे आयोजन मनाने पर रोक रहेगी। डीडीएमए ने अपने आदेश में कहा है कि दिल्ली में कोरोना के केसों में लगातार इजाफा हो रहा है और सार्वजनिक जगहों पर उत्सव मनाने के लिए लोगों के जमा होने से कोरोना के फैलाव का खतरा बढ़ जाएगा। ऐसे में यह फैसला लिया जा रहा है कि सार्वजनिक जगहों पर होली समेत दूसरे आयोजन मनाने पर रोक रहेगी। डीडीएमए ने जिला प्रशासन, पुलिस और संबंधित अथॉरिटी को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए सार्वजनिक जगहों पर उत्सव मनाने के लिए लोगों को जमा नहीं होने दिया जाए। इसके साथ ही स्क्रीनिंग, टेस्टिंग, आइसोलेशन और सर्विलांस के नियमों का सख्ती से पालन करने का आदेश जारी किया गया है। यही नहीं नवरात्रि और शब-ए-बारात जैसे पर्वों को भी सार्वजनिक तौर पर न मनाने की हिदायत दी गई है। इसके अलावा बीएमसी ने भी मुंबई में सार्वजनिक तौर पर होली मनाने पर रोक का आदेश दिया है। बीएमसी ने मंगलवार को घोषणा की कि 28 और 29 मार्च को निजी एवं सार्वजनिक स्थानों पर होली मनाने की अनुमति नहीं होगी। बीएमसी की ओर से जारी सर्कुलर मेंकहा गया है कि उल्लंघनकर्ताओं पर महामारी रोग अधिनियम-1897 और आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी। पहले यूपी सरकार ने भी सोमवार को ही होली से जु़ड़ी गाइडलाइंस जारी की थीं। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के बाद फैसला लिया गया था कि सार्वजनिक स्थानों पर होली खेलने पर रोक रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा था कि पर्व और त्योहारों पर कोई रोक नहीं है, लेकिन कोविड संक्रमण को देखते हुए लोगों को जागरूक किया जाए। बिना स्थानीय प्रशासन की पूर्वानुमति के कोई भी जुलूस तथा कार्यक्रम या सार्वजनिक समारोह आयोजित न किए जाएं। इन आयोजनों में हाई रिस्क कैटेगरी जैसे 10 वर्ष की उम्र से कम के बच्चों, 60 वर्ष से अधिक के वृद्धजन और एक से अधिक गम्भीर बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों आदि को शामिल होने से बचाया जाए।

 

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