भोपाल/इंदौर/उज्जैन/होशंगाबाद, मप्र गुरुवार और शुक्रवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से एक दर्जन से अधिक जिलों की फसले चौपट हो गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि तेज बारिश और ओले गिरने से किसानों की करोड़ों रुपए की क्षति हुई है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को दोपहर, शाम और फिर रात को इंदौर, पीथमपुर, उज्जैन, खरगोन, भोपाल और होशंगाबाद में तेज बारिश और बर्फबारी से गेहूं, चना और सरसों की फसलें तबाह हुई है।
शुक्रवार को मालवा-निमाड़ में दिन की शुरुआत काले-घने बादलों के बीच हुई। करीब 20 किमी की गति से तेज हवाएं चलीं और कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई। दोपहर में बादलों के बीच सूर्य देव दर्शन देते रहे। शाम होते-होते अचानक बादलों ने करवट ली और तेज आंधी चलने लगी। शाम के 4 बजते-बजते तेज बारिश के साथ ओले गिरने लगे। कई जगह बारिश हुई, तो कई जगह ओले गिरे। इंदौर में तो कुछ इलाकों में तेज बारिश के साथ हल्के ओले गिरे। वहीं, कुछ जगह बूंदाबांदी हुई। वहीं, राऊ से पीथमपुर के बीच तेज बारिश के साथ ओले गिरे। ओलों के कारण सड़कों पर बर्फ की चादर बिछ गई। इधर, खरगोन और उज्जैन में भी ओले गिरे हैं। अचानक हुई बारिश से किसानों की चिंता बढ़ा दी है। हालांकि बारिश कुछ देर बाद मौसम खुल गया।
कटी और खेतों में खड़़ी फसल को नुकसान
कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अभी खेतों में गेहूं और चने की फसल खड़ी है। वहीं कई क्षेत्रों में इनकी कटाई भी शुरू हो गई है। गुरुवार और शुक्रवार को हुई बारिश और ओलावृष्टि से कटी और खेतों में खड़ी दोनों फसलों का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि इस बार प्रदेश में गेहूं का बंपर उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। केंद्र सरकार ने जहां देश में सबसे अधिक गेहूं मप्र से १३५ लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है वहीं राज्य सरकार ने भी एक अप्रैल से गेहूं खरीदने की तैयारी कर ली है। लेकिन दो दिनों से हो रही बारिश से किसानों की मंशा को पानी फेर दिया गया है।
गेहूं हल्का और काला पडऩे की आशंका
कृषि विभाग का अनुमान है कि मप्र में करीब 3२७ लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन होगा। लेकिन मार्च में हुई बारिश के कारण इस बार गेहूं हल्का होने के साथ में काला पडऩे की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में समर्थन मूल्य पर गेहूं बिक्री में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि प्रदेश में इस साल १९७५ रुपये प्रति क्विंटल के मान से गेहूं समर्थन मूल्य पर खरीदा जाना है। बारिश की वजह से किसानों को गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में किसानों के सामने समस्या बढ़ गई है कि उनके गेहूं को उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा।
एक दो दिन ऐसा ही मौसम
मौसम विभाग का कहना है विक्षोभ का असर एक-दो दिन और रहेगा। शनिवार को भी दिनभर हल्के बादल छाएंगे। हल्की बारिश भी संभव है। इस महीने दूसरी बार विक्षोभ सक्रिय हुआ है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो ऊपरी हवा का चक्रवात पूर्वी राजस्थान के साथ ही मराठवाड़ा पर भी बना हुआ है। इसके बाद भी तापमान में खास फर्क नहीं पड़ा है। विक्षोभ से होने वाली बारिश के बाद तापमान में कमी आती है। इस बार मार्च की शुरुआत में ही इतना अधिक तापमान रहा, जितना मार्च अंत में होता है।
मप्र में बेमौसम बारिश और ओले गिरे,मालवा-निमाड़, भोपाल, होशंगाबाद में तेज बारिश के साथ बिछी बर्फ की चादर
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