भोपाल, पिछले दिनों प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश और ओलावृष्टि के चलते फसलों को नुकसान हुआ है, जिसका सर्वे करवाने के निर्देश शासन ने दिए हैं। वहीं यह भी तय किया है कि 5 हजार रुपए से कम की क्षतिपूर्ति नहीं दी जाएगी, क्योंकि पूर्व में 25-50 रुपए के चेक भी किसानों को दिए जाने के केस भी सामने आए हैैं। वहीं वन्य प्राणियों से होने वाले नुकसान को भी प्राकृतिक प्रकोपों से होने वाली क्षति की श्रेणी में ही शामिल कर लिया है, जिसके चलते 5 हजार रुपए प्रति परिवार के अलावा 50 किलो राशन भी दिया जाएगा।
प्रदेश के कई स्थानों पर बेमौसम बारिश और कहीं-कहीं ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है। लिहाजा संबंधित जिलों के कलेक्टरों को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सर्वे करवाकर क्षतिपूर्ति का आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। राजस्व, कृषि विभाग के अधिकारियों से भी इस संबंध में चर्चा की गई है। कई जिलों में फसलें आड़ी हो गई और ओलावृष्टि से नुकसान भी हुआ है। लिहाजा नुकसान की क्षतिपूर्ति की जाएगी और इसकी समीक्षा खुद मुख्यमंत्री रोजाना करेंगे। उनका कहना है कि किसानों को राहत देने में कोई विलंब नहीं होगा। इसी तरह राज्य शासन द्वारा जारी आदेशानुसार वन्य प्राणियों द्वारा मकान में पहुंचाई गई क्षति को भी प्राकृतिक प्रकोपों से होने वाली हानि की श्रेणी में शामिल किया गया है। विगत दिनों मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार प्राकृतिक प्रकोपों से होने वाली हानि के वर्तमान में प्रावधानित मानदंडों में संशोधन करते हुए अब किसी भी प्रकार के प्राकृतिक प्रकोप या आग लगने के कारण या वन्य प्राणियों द्वारा मकान पूर्ण रूप से नष्ट किया गया हो अथवा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ हो तो उसे भी आर्थक अनुदान सहायता दी जा सकेगी। इसके साथ ही प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुघर्टना के साथ वन्य प्राणियों द्वारा पीडि़त परिवार के कपड़े, खाद्यान्न तथा बर्तनों की हानि के लिए प्रति परिवार 5 हजार रूपये आर्थिक अनुदान के रूप में तथा 50 कि.ग्रा. खाद्यान्न (गेहूं/चावल) एवं पांच लीटर केरोसीन तात्कालिक सहायता के रूप में दिये जायेंगे। इसके साथ अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं के मामलों में एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पोंस फंड) से राहत राशि व्यय में ऐसे मद भी शामिल किए गए हैं, जिनके विषय में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था।
राज्य शासन द्वारा लिए आदेशानुसार प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसल के मामलों में अब देय अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो तो भी अनुदान सहायता नष्ट हुई फसल के मूल्य के बराबर देय होगी तथा प्रत्येक खाते हेतु सभी फसलों के मामले में देय राशि 5 हजार से कम नहीं होगी। दरअसल पूर्व में किसानों को फसलों की क्षतिपूर्ति और बीमा क्षतिपूर्ति के एवज में 25-50 रुपए तक के चेक बनाकर दे डाले, जिसको लेकर भी मीडिया और विपक्ष ने हल्ला मचाया। लिहाजा अब 5 हजार से कम मुआवजा नहीं मिलेगा।