भोपाल, कोरोना संकट के बाद अब महंगाई ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। उपभोक्ताओं के सामने एक ओर जहां नौकरी का संकट है तो दूसरी तरफ महंगाई की मार पढ़ रही है। पेट्रोल डीजल और खाने का तेल पहले से महंगा हो चुका है। अब प्रदेश सरकार ने सहकारी सांची घी के दाम भी प्रति किलो 20 रुपये बढ़ा दिए हैं। बढ़ी हुई कीमत मंगलवार से लागू हो चुकी है। इसका असर प्रदेश के 5 लाख से अधिक उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। सांची घी की यह कीमत भोपाल सहकारी दुग्ध ने बढ़ाई है। प्रदेश में भोपाल सहकारी दुग्ध संघ समेत 6 संघ है। इनका संचालन प्रदेश सरकार के अधीन होता है। यह संघ किसानों से दूध खरीदते हैं और उसकी प्रोसेसिंग करके उसे सांची के नाम से बेचते है। ये संघ दूध के अलावा सांची का पेड़ा, आइसक्रीम, मावा, मिठाई, लस्सी, मट्ठा समेत अन्य उत्पाद भी शामिल है। सहकारी सांची घी की कीमत 500 रुपये प्रति किलो कर दी गई है जो सोमवार तक 480 रुपये प्रति किलो के हिसाब से उपभोक्ताओं को मिलता था। यदि संघ अपना कारोबार दूसरे राज्यों से लेकर विदेशों तक बढ़ाता है तो संघ को बार-बार उपभोक्ताओं के लिए दाम बढ़ाने की नौबत नहीं आएगी। लेकिन संघ कारोबार में अपना दायरा नहीं बढ़ा पा रहा है। इसके कारण उपभोक्ता और किसानों को प्रभावित होना पड़ रहा है। संघ के सूत्रों की माने तो दुग्ध संघ हर साल गर्मी में किसानों से कम दूध की आवक होने का कारण बताकर दूध की कीमत व उत्पादों की कीमत बड़ा देता है। किसान और विशेषज्ञों का कहना है की बारिश के समय में किसानों के पास भरपूर दूध होता है लेकिन तब दुग्ध संघ दूध की अच्छी कीमत नहीं देता है इस वजह से किसान गर्मी के हिसाब से अधिक दूध पैदावार करने की क्षमता नहीं बढ़ा पाते हैं और संघ में कम दूध आने लगता है। घी के दाम बढ़ाने के बाद भोपाल सहकारी दुग्ध संघ जल्द सांची दूध और बाकी के उत्पादों का भी दाम बढ़ा सकता है। यह बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि हर साल गर्मी में दुग्ध संघ कम दूध की आवक होने का हवाला देकर उपभोक्ताओं को बेचे जाने वाले सांची दूध की कीमत बढ़ा देता है। एक बार जब दाम बढ जाते हैं तो दोबारा उन्हें कम भी नहीं किया जाता। ऐसे में उपभोक्ताओं को हर साल महंगाई का सामना करना पडता है।