बड़वानी/उज्जैन, कर्ज से परेशान दो और किसानों ने शुक्रवार को अपनी जान दे दी। यह आत्महत्याएं बड़वानी और उज्जैन जिले में हुई। बड़वानी जिले के ग्राम मेणीमाता में गुरुवार शाम 42 वर्षीय आदिवासी किसान का शव फांसी के फंदे पर झूलता पाया गया। मृतक किसान मिनसा पिता महारिया निवासी निचला फलिया मेणीमाता के परिजनों ने बताया कि सामूहिक खाते पर केसीसी लोन लिया था। गत अगस्त में बैंक के वकील द्वारा जारी नोटिस में सामूहिक खाते पर 2.16 लाख रुपए बकाया थे।
वहीं, उज्जैन के खाचरौद तहसील के गांव गड़ी भेसोला के किसान बाबूलाल पिता वर्दीराम चौधरी ने कर्ज से परेशान होकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके बड़े भाई जानकीलाल ने बताया कि बाबूलाल बैंक और साहूकारों का कर्ज होने के साथ ही सोयाबीन की फसल बिगडऩे पर दोबारा बोवनी करने आदि बातों को लेकर मानसिक रूप से परेशान थे। बाबूलाल ने अपनी सारी समस्या अपने जीजाजी महेश पिता अम्बाराम गांव जलोदिया तहसील बडऩगर को रात में बताई और उसके कुछ समय बाद ही आत्महत्या कर ली।