मुंबई, हाईकोर्ट ने ऐमजॉन प्राइम वीडियो की हैड को फटकार लगाते हुए कहा कि देवी-देवताओं का मजाक अभिव्यक्ति आजादी नहीं है। दरअसल, वेब सीरीज ‘तांडव’ पर होने वाला विवाद अभी तक इसके मेकर्स को परेशान किए हुए है। गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ऐमजॉन प्राइम की इंडिया हेड की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। ऐमजॉन प्राइम वीडियो के खिलाफ एक एफआईआर की गई है जिसमें ‘तांडव’ के मेकर्स के खिलाफ एक खास समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए जाने का आरोप लगाया है। इस शिकायत में शिकायतकर्ता ने अपर्णा पुरोहित पर यूपी पुलिसकर्मियों का गलत चित्रण, हिंदू देवी-देवताओं और प्रधानमंत्री के किरदार को गलत तरह से पेश किए जाने का आरोप लगाया है।
अपर्णा पुरोहित ने मामले में अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल की थी। इस याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस सिद्धार्थ ने कहा, ‘एक तरफ तो गलत तरीके से किरदार दिखाने के कारण एक बड़े समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है और दूसरी तरफ सवर्ण और दलित जातियों के बीच दूरी बढ़ाए जाने का काम किया है जबकि राज्य की जिम्मेदारी समुदायों के बीच की दूसरी को कम कर सामाजिक, सांप्रदायिक और राजनीतिक तौर पर उन्हें एक कर देश को जोड़ने का काम करना है।’ कोर्ट ने आगे कहा, ‘ऐसे लोग बहुसंख्यक समुदाय के आराध्य देवी देवताओं को गलत तरह से दिखाकर इसके जरिए पैसा कमाना चाहते हैं और देश की उदार और सहिष्णु परंपरा का फायदा उठाना चाहते हैं।’ दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा, ‘संविधान का आधारभूत विचार यह है कि लोग दूसरों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए बिना पूरी आजादी के साथ अपने धर्म का पालन कर सकें और उसका प्रचार कर सकें। इसलिए यह सभी नागरिकों का कर्तव्य है कि जबकि वह एक काल्पनिक कहानियां भी बना रहे हों तो भी दूसरे धर्म की भावनाओं का सम्मान करें।’
वेब सीरीज के विवादित दृश्यों का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा, ‘विवादित दृश्यों के कारण कानून व्यवस्था के लिए खतरा फैलाने वाले हैं। हिंदू देवी देवताओं के चित्रण को सही नहीं ठहराया जा सकता है। विदेशी फिल्ममेकर्स ईसा मसीह या हजरत मोहम्मद को गलत तरीके से दिखाने से बचते हैं मगर हिंदी फिल्ममेकर्स लगातार गलत तरह से हिंदू देवी-देवताओं को अभी तक दिखा रहे हैं।’ कोर्ट ने कहा कि जो फिल्म बहुसंख्यक समुदाय के मूल अधिकारों का हनन करती है उसे प्रदर्शित करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है और याचिकाकर्ता के जीवन की स्वतंत्रता के मूल अधिकार को बचाव का आधार रखते हुए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती है। बता दें कि ‘तांडव’ वेब सीरीज रिलीज होने के बाद विवादित सीन को लेकर पूरे देश मे विरोध हुआ था। कई हिंदू संगठनों ने जगह-जगह प्रोटेस्ट किया था। इसके बाद लखनऊ में 18 जनवरी को हजरतगंज कोतवाली के इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा की तहरीर पर समाज में विद्वेष फैलाने, अशांति फैलाने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। अपर्णा पुरोहित के अलावा सीरीज के डायरेक्टर अली अब्बास जफर, प्रड्यूसर हिमांशु कृष्ण मेहर और राइटर गौरव सोलंकी के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।