मास्क बिना लगाए विधानसभा पहुंचे कई मंत्री-विधायक, मंत्री ऊषा ठाकुर बोलीं हनुमान चालीसा का पाठ करो,बढ़ेगी रोग प्रतिरोध क्षमता

भोपाल,भोपाल और इंदौर में कोराना संक्रमण एक बार फिर पैर पसारता दिख रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी से अपील की है कि हम सभी को सजग रहना है। हर व्यक्ति को मास्क लगाना अनिवार्य है। लेकिन मंत्री-विधायकों को इसकी परवाह नहीं है। विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को कई विधायक और मंत्री बिना मास्क लगाए देखे गए। जब उनसे पूछा गया कि मास्क क्यों नहीं पहना है तो किसी ने हनमानजी की, किसी ने वैदिक जीवन और योग पद्धति तो किसी ने अपनी हिम्मत का उदाहरण देकर मामले का पटाक्षेप कर दिया।
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर भी बिना मास्क के विधानसभा पहुंची थी। जब उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री ने कोरोना से बचाव की सावधानियां बनाए रखने की अपील की है, तो उन्होंने कहा कि मैं हनुमान चालीसा का पाठ करती हूं, इससे रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है। विधानसभा सत्र के दौरान मास्क नहीं पहनने पर विधायक रामबाई ने कहा कि जिसके पास हिम्मत होती है वही कुछ कर सकता है। मास्क नहीं लगाने पर जो जुर्माना होगा वह मैं दे दूंगी, लेकिन मास्क नहीं लगाऊंगी। मुझे घबराहट होती है।
वैदिक जीवन और योग पद्धति का सहारा
मंत्री ठाकुर ने आगे कहा कि वेदों को 10 हजार साल पूरे हो रहे हैं। दुनिया में जिसे श्रेष्ठतम तरीके से जीना है, वह वेदिक जीवन पद्धति अपनाए। उसे कोई तकलीफ छूकर नही जा पाएगी। जब उनके पूछा गया कि उन्होंने मास्क नहीं लगाने पर कहा कि मैं वैदिक जीवन और योग पद्धति का अनुसरण करती हूं। प्रतिदिन शंख बजाती हूं। काढ़ा पीती हूं। गाय के गोबर के कंडे पर हवन करती हूं। हनुमान चालीसा का पाठ करती हूं। यह मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह मेरा कोरोना से बचाव है। गमछा गले मे रखती हूं अगर कोई पास आये तो मुंह पर रख लेती हूं।
इंदौर में चाट-पकौडी खाने से बढ़े केस
इंदौर में लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। इसके जवाब में मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि लोग बेवजह सड़को पर चाट पकौड़ी खाने आये बेवजह सड़को पर आए तभी मामले बढ़े।
कोरोना के चलते स्थगित हुआ था शीतकालीन सत्र
विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 से 30 दिसंबर 2020 को आहूत किया गया था, लेकिन कोरोना के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कोराना के फर्जी आकंड़े सर्वदलीय बैठक में देने का आरोप स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर लगाया था। सत्र से पहले विधानसभा विश्रामगृह के कर्मचारियों का कोरोना टैस्ट कराया गया था। जिसमें करीब 35 कर्मचारियों की रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गई थी।

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