राजकोट,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज राजकोट में 18500 दिव्यांगों को एक साथ और एक ही स्थल पर उनकी जरूरत के मुताबिक साधन सहायता कर नया कीर्तिमान कायम किया| 40 साल में नरेन्द्र मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो राजकोट आए हैं| इससे पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 40 वर्ष पहले राजकोट का दौरा किया था|
राजकोट के रेसकोर्स मैदान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीए मोदी ने कहा कि उनके जीवन में राजकोट का विशेष स्थान है| राजकोटवासियों ने यदि उन्हें गांधीनगर नहीं भेजा होता तो वे आज प्रधानमंत्री नहीं होते| उन्होंने कहा कि जिस परिवार में संवेदनशीलता और संस्कार का विश्वास होता है उसी घर में ईश्वर भले दिव्यांग को जन्म देता हो, परंतु ऐसे दिव्यांग का निभाव समाज की जिम्मेदारी है| दिल्ली जाने के बाद दिव्यांगों के बारे में काफी विचार किया है| केवल दिव्यांग शब्द देकर मेरी जिम्मेदारी पूर्ण नहीं हो गई| उन्होंने कहा कि हम दिव्यांगजनों की मदद से एक और वर्ल्ड रिकार्ड कायम कर रहे हैं| आज राजकोट में एक साथ और एक स्थल पर 18500 जितने दिव्यांगजनों को साधन सहायता देकर नया विश्व रिकार्ड बना है, जिसके लिए गुजरात सरकार अभिनंदन के पात्र है|
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने दिव्यांगजनों की सहायता के लिए प्लेटफार्म, सीढ़ियां और टॉयलेट जैसी की सार्वजनिक व्यवस्था की है, ताकि दिव्यांगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो| दिव्यांगों तक पहुंचने के सरकार के प्रयासों की वजह से आज 18000 से ज्यादा दिव्यांग आज यहां मौजूद हैं| उन्होंने स्टार्टअप करनेवाले युवाओं से आग्रह किया कि वे दिव्यांगजनों की सरल जिंदगी के लिए नए संशोधन करें| ऐसी नई प्रोडक्ट दो, देश में जिसका बड़ा मार्केट हो| जिसमें सरकार जितनी हो सकेगी उतनी मदद करेगी|
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 में भारत की आजादी के 75वें वर्ष में भारत के प्रत्येक परिवार का अपना घर हो, वह सपना पूर्ण करने की दिशा में केन्द्र सरकार आगे बढ़ रही है| जिसमें सभी प्रकार की सुविधाएं होंगी|