जबलपुर, कोरोना काल के चलते अंतराल के बाद सोमवार से हाईकोर्ट में भौतिक सुनवाई शुरु हुई. लम्बे समय के बाद हाईकोर्ट पहले जैसी चहल पहल नजर आई. 17 मार्च से बंद चल रही मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की भौतिक सुनवाई ३३५ दिन बाद सोमवार से शुरू कर दी गई है. सोमवार से शुरु भौतिक सुनवाई में अब भी वीडियो कांफ्रेंस का विकल्प खुला रखा गया है. भौतिक सुनवाई बंद हो जाने के बाद लगभग साल भर से यही स्थिति बनी हुई थी, लेकिन सोमवार से जबलपुर स्थित मुख्यपीठ सहित इंदौर व ग्वालियर बेंच में भी भौतिक सुनवाई प्रारंभ हो गई है. हालांकि पूर्व की तुलना में अभी संख्या कम ही है, लेकिन सूने पड़े परिसर में चहल-पहल दिखाई देने लगी है. चूंकि कोरोना का संकट अभी पूरी तरह से टला नहीं है इसलिए एहतियात के तौर पर अतिरिक्त सावधानी बरते जाने का क्रम बदस्तूर जारी है, वहीं सुरक्षा और व्यवस्था के भी इंतजाम चाक-चौबंद है.
बुजुर्गों से वर्चुअल विकल्प अपनाने की अपील
सोमवार से शुरु हुई सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक खान के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल राजेंद्र कुमार वानी ने कल ही इसके लिए सर्कुलर जारी कर दिया था. सर्कुलर में साफ कर दिया गया है कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन सहित विभिन्न अधिवक्ता संघों की मांग और चर्चा के आधार पर ही यह भौतिक सुनवाई शुरु की जा रही है. इसमें कोविड-१९ की गाइडलाइन का पालन अनिवार्य है. जिस व्यवस्था के तहत यह भौतिक सुनवाई की जा रही है उसे स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर हायब्रिड सिस्टम ऑफ फिजिकल एंड वर्चुअल हियरिंग के नाम से जाना जाएगा. हाईकोर्ट प्रशासन ने ६५ साल से अधिक आयु वाले पक्षकार और अधिवक्ताओं से आग्रह किया है कि वे भौतिक सुनवाई की बजाय वर्चुअलविकल्प यानि की वीडियो कॉन्प्रेंâस का चयन करें.