नई दिल्ली, राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य गुलाम नबी आजाद की तारीफ करते हुए भावुक हो गए। पीएम मोदी ने आजाद को एक बेहतरीन मित्र बताते हुए कहा कि सदन के अगले नेता प्रतिपक्ष को आजाद द्वारा स्थापित मानकों को पूरा करने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। पीएम मोदी ने कहा कि आजाद ने अपने दल की चिंता जिस तरह की, उसी तरह उन्होंने सदन की और देश की भी चिंता की।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता के पद पर रहते हुए आजाद ने कभी दबदबा स्थापित करने का प्रयास नहीं किया। पीएम मोदी ने कहा कि आजाद अपनी पार्टी और देश की एक परिवार की तरह चिंता करते हैं, यह कहते हुए पीएम मोदी ने आजाद को सैल्यूट किया। उल्लेखनीय है कि गुलाम नबी आजाद का उच्च सदन में कार्यकाल खत्म हो गया और उन्हें मंगलवार को विदाई दी गई।
प्रधानमंत्री ने बताया कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब आजाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमला हुआ और कुछ पर्यटक मारे गए। इनमें गुजरात के पर्यटक भी थे। मोदी ने कहा तब सबसे पहले, गुलाम नबी आजाद ने फोन कर उन्हें सूचना दी और उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। मैंने तत्कालीन रक्षामंत्री प्रणव मुखर्जी से पर्यटकों के पार्थिव शरीर लाने के लिए सेना का हवाई जहाज उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जो उन्होंने स्वीकार कर लिया। रात को पुन: आजाद ने फोन किया। यह फोन उन्होंने हवाईअड्डे से किया और उनकी चिंता उसी तरह थी जिस तरह लोग अपने परिवार की चिंता करते हैं। यह बोलते हुए प्रधानमंत्री का गला रुंध गया और आंखों में आंसू आ गए।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे लिए बहुत भावुक पल था। अगले दिन सुबह पुन: आजाद का फोन आया और उन्होंने पूछा कि मोदी जी, क्या सभी लोग पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि एक मित्र के रूप में घटनाओं और अनुभव को देखते हुए मैं आजाद का बहुत आदर करता हूं। आजाद के बारे में मोदी ने कहा आजाद को सत्ता पक्ष में रहने का और विपक्ष में रहने का लंबा अनुभव है। 28 साल का कार्यकाल बड़ी उपलब्धि होता है। उन्होंने कहा कि बहुत पहले एक बार संसद भवन में लॉबी में वह आजाद से बात कर रहे थे।
वहां से निकलने पर पत्रकारों के सवाल पूछने पर आजाद ने कहा था टीवी पर, अखबारों में आप हमें लड़ते झगड़ते देखते हैं, लेकिन यहां हम सबके बीच एक परिवार की तरह का वातावरण होता है। पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा कि अपने सरकारी बंगले को आजाद ने बहुत प्यार से संवारा और उनका बगीचा देख कर वहां कश्मीर की याद आ जाती है। उन्होंने वहां एक कश्मीर बना रखा है। स्पर्धा में उनका बंगला पहले नंबर पर आ जाता है।