रायपुर,प्रदेश के बहुचर्चित बैकुंण्ठपुर में स्क्रेप कारोबारी चेट हत्याकांड मामले में सोनू सरदार सहित सभी आरोपियों को २००८ में निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। २०१० में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को फांसी की सजा बरकरार रखी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने २३ फरवरी २०१२ को चार की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी। वहीं मुख्य आरोपी सोनू सरदार की फांसी की सजा बरकरार रखी। इसके बाद सोनू ने राष्ट्रपति के पास याचिका लगाई थी जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दी थी। भारत सरकार ने ८ मई २०१४ को सोनू सरदार को मौत के फरमान पर अपनी मुहर लगा दी थी।
ज्ञात हो कि बैकुंण्ठपुर में स्कैप कारोबारी शमीम अख्तर उनकी पत्नी रूखसाना, बेटी रानो, बेटा याकूब और पांच माह की बेटी की हत्या कर दी थी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को सजा देने के स्थान पर आजीवन कारावास की सजा दी। सोनू सरदार ने पांच लोगों के साथ मिलकर एक परिवार के पांच लोगों की हत्या की थी। बहुचर्चित हत्याकांड में मुख्य आरोपी सोनू सरदार को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा के साथ बाकी आरोपियों की सजा भी बरकरार रखी है।