सेना के जवान या उनके परिवार की जिंदगी पर आधारित स्क्रिप्ट्स से अमृता पुरी को खास लगाव

मुंबई, अभिनेत्री अमृता पुरी को सेना की ‎जिंदगी पर आधा‎रित ‎स्क्रिप्ट्स से खास लगाव है। उनका कहना है ‎कि उनके दादा के भाई जंग के सिलसिले में जेल जा चुके हैं और उनके फूफा भी कारगिल की लड़ाई में शामिल हो चुके हैं। यही वजह है कि किसी जवान या उनके परिवारों की जिंदगी पर आधारित स्क्रिप्ट्स से वह खास लगाव रखती हैं। अब तक अमृता ऐसी दो परियोजनाओं का हिस्सा बन चुकी हैं, जो इसी विषय वस्तु पर आधारित रही है। अमृता कहती हैं ‎कि “मैंने अपने दादाजी के छोटे भाई से सुना है कि किस तरह से चीन के साथ जंग के दौरान उन्हें युद्ध बंदी बनाकर रखा गया था। उनका नाम कर्नल तिलक पुरी है और वह आज भी जिंदा हैं। उन्होंने हमें बताया था कि किस तरह से उन्हें छह महीने युद्ध बंदी के तौर पर गुजारे थे। उन्हें भारत-तिब्बत सीमा से पकड़ा गया था।” उन्होंने कहा ‎कि “आर्मी ने उन्हें लापता घोषित कर दिया, यह मान लिया गया कि उनकी मौत हो चुकी है। हालांकि उनकी पत्नी इस बात को नकारती रहीं। उनका मानना रहा कि वह जिंदा हैं और जरूर लौटेंगे और वह लौटे। हालांकि कई ऐसे भी लोग रहे, जिन्होंने अपनी वापसी नहीं कीं। मेरे फूफा भी कारगिल की जंग में शामिल हो चुके हैं और मैं जानती हूं कि उनकी गैर-मौजूदगी मेरी बुआ को कितनी खलती थी। वह कैसे हैं, कहां हैं, कोई नहीं जानता था, बस दिल में सकारात्मक सोच रखते हुए वह अपने बच्चों के लिए डटी रहीं।” बता दें ‎कि अमृता अब तक सेना पर आधा‎रित प्रोजेक्ट ‘प्रिजनर ऑफ वॉर’ और ‘जीत की जिद’ का ‎हिस्सा रह चुकी हैं। एक कलाकार के तौर पर उन्हें इनकी कहानियां काफी पसंद आई।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *