पणजी,गोवा में मध्यान्ह भोजन यानी मिड डे मील के तहत परोसे जाने वाले भोजन की जांच छात्र-छात्राओं की माताएं करेंगी। गोवा सरकार ने मिड डे मील के तहत परोसे जाने वाले भोजन की जांच में छात्रों की माताओं को शामिल करने का निर्णय लिया है। राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा मिड डे मील योजना के प्रारूप को सार्वजनिक किया गया है। सभी संस्थानों के प्रमुखों को परोसे जाने से पहले छात्रों की माताओं को भोजन की जांच में शामिल करने का निर्देश दिया गया है। प्राथमिक स्कूल स्तर पर छात्रों के पढ़ाई छोड़ने पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्र सरकार पोषित मिड डे मील योजना चलाई जा रही है। पिछले दिनों कुछ स्कूलों में इस योजना के तहत परोसे गए भोजन से बच्चों के फूड प्वाइजनिंग के शिकार होने की शिकायतें मिली थीं। शिक्षा विभाग के मुताबिक, स्कूलों में भोजन के लिए कोई हाल नहीं है। इस कारण छात्रों को बरामदे में बैठना पड़ता है। स्कूल की अवधि में ही उन्हें भोजन परोसा जाता है। गोवा में 1501 स्कूलों में यह योजना लागू है। विभाग ने कहा है कि केवल सात स्कूलों में ही सब्जियां, दाल, अनाज और बर्तन धोने की व्यवस्था है।
गोवा में छात्रों की माताएं करेंगी मध्यान्ह भोजन की जांच
