भोपाल,प्रदेश में तीन मार्च के बाद नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा हो सकती है। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने सोमवार को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर आयोजित राष्ट्रीय मतदाता दिवस कार्यक्रम में इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने एक जनवरी 2021 की स्थिति में मतदाता सूची तैयार की है, जिसके आधार पर सूची को पंचायत और वार्ड के हिसाब से बांटा जा रहा है। यह प्रक्रिया तीन मार्च तक पूरी करते ही हम चुनाव कराएंगे।
भोपाल के मिंटो हॉल में हुए राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सिंह ने कहा कि जिस दिन चुनाव होता है, उस दिन बहुत से मतदाता यहां-वहां भटकते रहते हैं कि उनका नाम नहीं है। उन्हें इसमें षडयंत्र की बू आती है पर ऐसा नहीं होता है। मतदाता के नाम जोड़ने, हटाने या संशोधित करने की एक प्रक्रिया होती है। चुनाव आयोग जब यह काम करता है तो सभी को उसमें भागीदारी करनी चाहिए और अपना नाम जुड़वाना चाहिए। जिस तरह मतदाताओं ने कोरोनाकाल में हुए चुनावों में बढ़-चढ़कर भागीदारी की है, उससे साफ है कि मतदाता जागरूक है। चुनाव आयोग को लेकर कई बार भ्रम की स्थिति भी बनती है। भारत निर्वाचन आयोग लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा तो राज्य निर्वाचन आयोग नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायतराज संस्थाओं के चुनाव कराता है। हम करीब चार लाख प्रतिनिधियों के चुनाव कराते हैं। मतदाता सूची का काम शुरू हो गया है। आठ से 15 फरवरी तक आपत्ति दर्ज कराने का समय है। तीन मार्च को सूची बन जाएगी।
ईमानदार और योग्य उम्मीदवार को चुनें
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने मतदाताओं से अपील की कि ईमानदार और योग्य व्यक्तियों को चुनें। कई जगह विदेशों की नौकरी छोड़कर लोग सरपंच बने हैं और गांव की तस्वीर बदलने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीरा राणा ने कहा कि कोरोनाकाल में चुनाव कराना चुनौतीपूर्ण था लेकिन सुरक्षित तरीके से मतदान कराया गया। लोकसभा चुनाव की तुलना में विधानसभा के उपचुनाव में चार प्रतिशत अधिक मतदान रहा। पहली बार 80 वर्ष से अधिक आयु, दिव्यांग और कोरोना से संक्रमित 37488 मतदाताओं ने डाक मतपत्र से वोट डाले। मतदाता सूची के पुनरीक्षण में 8.43 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं। अब आयोग ने मतदाताओं को ई-वोटर पोर्टल से मतदाता परिचय पत्र डाउनलोड करने की सुविधा भी दी है। यह दस्तावेज मतदान के लिए मान्य होगा। इस दौरान मतदाताओं को लोकतांत्रिक परंपराओं की मर्यादा बनाए रखने और स्वतंत्र, निष्पक्ष चुनाव की गरिमा रखते हुए सभी चुनाव में मताधिकार के प्रयोग की शपथ दिलाई गई।
मप्र में तीन मार्च के बाद हो सकती है निकाय चुनाव की घोषणा
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