जबलपुर, मध्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सहित प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियां 1 साल में ही दोगुने घाटे में पहुँच गईं है। एक जानकारी के अनुसार तीनों बिजली कंपनियां इस समय 2 हजार 629 करोड़ के घाटे में हैं। बिजली कंपनियों ने 2629 करोड़ रुपए की घाटे की भरपाई के लिए बिजली दरों में 6 प्रतिशत वृद्धि करने की अनुमति मप्र ऊर्जा नियामक आयोग से मांगी है। पिछले वित्तीय वर्ष में करीब दो हजार करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई के लिए 5.29 प्रतिशत वृद्धि की मांग की थी। आयोग ने दिसंबर में 1.98 फीसदी की वृद्धि कर उसके 700 करोड़ के घाटे की भरपाई करने का प्रयास किया था। इसके बाद 2 हजार करोड़ का यह घाटा 1 हजार 300 करोड़ तक सिमट गया, लेकिन अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए उसने अपना घाटा 2 हजार 629 करोड़ रुपए बताया है। मप्र पॉवर मैनेजमेंट सहित तीनों विद्युत वितरण कंपनियों ने बुधवार को आयोग को बिजली टेरिफ का प्रस्ताव दिया है। इन कंपनियों ने अपना सालाना खर्च 44 हजार 814 करोड़ रुपए बताया है, जबकि उनकी अनुमानित कुल अनुमानित आय 42 हजार 185 करोड़ रुपए हो रही है। ऐसे में 2 हजार 629 करोड़ की अतिरिक्त भरपाई के लिए बिजली दरों में वृद्धि करने की मांग आयोग से की है। नियामक आयोग बिजली कंपनी की याचिका पर सुनवाई आमंत्रित करेंगी, जिसमें जबलपुर सहित प्रदेशभर से उपभोक्ता याचिका पर अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं। जनसुनवाई के बाद यह आयोग पर निर्भर करता है कि वह दरों में वृद्धि की अनुमति देता या नहीं। 1 हजार 111 घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने की तैयारी टेरिफ याचिका में घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने की तैयारी है। औद्योगिक इकाइयों को बिजली बेचकर कंपनियां पहले ही नुकसान उठा चुकी हैं। प्रदेश में कुल एक करोड़ 59 करोड़ उपभोक्ता है। इनमें से एक करोड़ घरेलू उपभोक्ता हैं, जो इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ ले रहे हैं। 28 लाख कृषि पंप उपभोक्ता है, जो सरकार की सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं।