हमीदिया मे तैनात रहा भारी पुलिस बल, बालिका गृह की अधीक्षिका को हटाया

भोपाल, प्यारे मियां द्वारा नाबालिक यौन शोषण की शिकार एक पीड़िता ने बुधवार रात करीब 10 बजे इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। गुरुवार को नाबालिग के शव का पोस्टमार्टम किया गया, इस दौरान कलेक्टर अविनाश लवानिया सहित पुलिस के आला अधिकारी मोजूद रहे वही हमिदिया अस्पताल मे भारी पुलिस बल तैनात किया। गुस्साये परिजन इंसाफ की माग को लेकर शव घर ले जाकर अंतिम यात्रा निकालना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने शव सीधे भदभदा विश्राम घाट ले जाने की समझाइश दी। जिसके बाद नाबालिग किशोरी का शव अंतिम संस्कार के लिए भदभदा विश्राम घाट ले जाया गया।
गोरतलब है, कि बालिका गृह में बालिका के अचानक बीमार होने की घटना की मजिस्ट्रीयल जाँच के आदेश दिए गये है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट भोपाल द्वारा घटना की मजिस्ट्रियल जाँच करने के लिए माया अवस्थी को जाँच अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह जाँच 8 बिंदुओं पर केन्द्रित रहेगी। इसके साथ ही अपर मजिस्ट्रेट ने संबंधित व्यक्तियों से साक्ष्य आमंत्रित किए हैं। जॉच बिदुंओ मे पीडीत बालिका की तबीयत किन परिस्थितियों में खराब हुई, क्या बालिका द्वारा संस्था में निवास के दौरान अखाद्य पदार्थ का सेवन किया गया या एक ही कक्ष में रहने वाली अन्य बालिकाओं को दी गई दवाईयों का सेवन कर लिया गया, क्या घटना के लिए कोई जिम्मेदार है, क्या शासकीय बालगृह बालिका नेहरू नगर, भोपाल में रहने की समुचित आवश्यक व्यवस्थायें थी, शासकीय बालगृह बाल कल्याण समिति का समय-समय पर पर्यवेक्षण/निरीक्षण किया जाता रहा, घटना के दौरान बालिका के साथ कौन-कौन मौजूद थे, एवं उनकी क्या भूमिका रही, ओर घटना की पुनर्रावृत्ति न हो तत्संबंध में सुझाव। इसके साथ् ही अन्य बिन्दु जो जाँच के दौरान सामने आयेगे उनपर साक्ष्य आमंत्रित किए गए हैं। आदेश में कहा गया है, कि उपरोक्त बिन्दुओं के संबंध में यदि कोई व्यक्ति लिखित या मौखिक जानकारी, अपने ब्यान या साक्ष्य देना चाहता है, तो 15 दिन के अंदर न्यायालयीन समय में कार्यालय अपर जिला मजिस्ट्रेट, कलेक्ट्रेट कार्यालय भोपाल के कक्ष क्रमांक 152 में उपस्थित होकर दे सकता है। इसके बाद किसी प्रकार की जानकारी पर विचार नहीं किया जाएगा। गौरतलब है, कि 2 दिन पहले मृतक किशोरी ने सदिंग्ध वस्तू या नींद की गोलियां खाई थीं। सोमवार देर रात उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया था। इस दौरान परिजनों ने बालिका गृह की अधीक्षका अंतोनिया कुजूर इक्का पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए कहा था, कि आखिर नींद की गोलियां वहां पहुंची कैसे। मामले की गंभीरता को देखते हुए बालिका गृह की अधीक्षिका को हटा दिया गया है।

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