लंदन, कोरोना महामारी ने दुनिया के सभी देशों को लाचार कर दिया है। कुछ देशों में वैक्सीन बन चुकी है, और मामलों में गिरावट आई हैं, मगर अभी भी हालात सामान्य नहीं हैं। शोधकर्ता भी अलग-अलग प्रकार के शोध कर वायरस के खात्मे के लिए प्रयासरत हैं। इस बीच एक नई रिसर्च सामने आई है, इसमें नवजात शिशुओं की गर्भनाल में पाई जाने वाली स्टेम कोशिकाएं कोरोना के गंभीर मामले वाले लोगों के लिए जीवन रक्षक उपचार प्रदान कर सकती हैं।
अध्ययन में पाया गया कि 85 वर्ष से कम उम्र के कोरोना संक्रमति लोगों पर स्टेम सेल का उपयोग करने से कोविड-19 के खिलाफ उन लोगों के बचने की संभावना दोगुनी हो गई और इस उपाये ने हर मामले में काम किया। गर्भनाल में पाए जाने वाली स्टेम सेल में ये खासियत है कि वहां क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक कर सकती है।इसके बाद वहां व्यक्ति के श्वसन प्रणाली को भी ठीक कर सकती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार गर्भनाल में इतने सेल होते हैं कि वहां 10 हजार मरीजों का उपचार कर सके।शोधकर्ता के अनुसार इन स्टेम सेल से इलाज सस्ता और कारगर है। वैज्ञानिकों ने 24 मरीजों पर ये शोध किया। इन मरीजों के श्वास प्रणाली को वायरस से संक्रमित होने के बाद काफी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद हर व्यक्ति को दो दिन के अंतराल पर स्टेम सेल के दो इंजेक्शन दिए गए। मरीजों का सर्वाइवल रेट 91 प्रतिशत रहा। जिस मरीज की मौत हुई वहां 85 साल से अधिक उम्र का था। वैज्ञानिकों ने पाया कि मरीज उपचार से जल्द ही ठीक हो गए। 80 फीसदी लोग एक महीने में हर लक्षण से मुक्त हो गए।
कोरोना वायरस के इलाज में नवजात शिशुओं की गर्भनाल में पाए जाने वाली स्टेम सेल से मिली है मदद
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