भोपाल, मप्र के 8 जिलों में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ता देख सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। शहर में लगातार मृत पक्षी मिल रहे हैं। गुरुवार को एक बार फिर इंदौर के डेली कॉलेज परिसर में मृत कौवे मिले। इसके साथ ही मृत कौवों की संख्या अब 180 के करीब पहुंच गई है। 29 दिसंबर से लगातार यहां मृत कौवे मिल रहे हैं। बुधवार को 300 सैंपल जांच के लिए भोपाल भेजे गए थे, जिनकी रिपोर्ट शुक्रवार को आने की संभावना है। इसे मिलाकर अब तक 418 सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं।
पक्षियों की मृत्यु की जानकारी जिस जिले से आई है, वहां की पोल्ट्री पर नजर रखी जा रही है। मप्र में बर्ड फ्लू की दस्तक के साथ ही भोपाल में कंट्रोल रूम तैयार किया गया है। इसके साथ ही अपर मुख्य सचिव, पशुपालन जेएन कंसोटिया ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को बर्ड फ्लू की रोकथाम और नियंत्रण करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सभी कलेक्टरों को बर्ड फ्लू से आने वाली इमरजेंसी से निपटने की तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। कंसोटिया ने केंद्र सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन कराने को भी कहा है, जिससे बर्ड फ्लू को रोका जा सके।
कौवों के मरने का सिलसिला जारी
मप्र में एवियन इंफ्लूएंजा से कौवों के मरने का सिलसिला जारी है। उज्जैन में गुरुवार को इंदौर रोड पर त्रिवेणी के पास सिकंदरी गांव में खेतों में दो दर्जन के करीब कौवे मृत पाए गए। नागदा के इंडस्ट्रियल एरिया ग्रेसिम में भी कबूतरों के मरने की खबर है। वहां करीब पांच कबूतर मृत अवस्था में मिले हैं। पशु पालन विभाग ने सिकंदरी में मिले कौवों और ग्रेसिम में मिले कबूतरों के सैंपल भोपाल लैब भेज दिए। कौवों के मरने से सिकंदरी गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीण राहुल आंजना ने बताया कि पेड़ों से अचानक कौवों के गिरने से लोग डर गए। खेतों में भी कौवे मरे मिले हैं। राहुल का कहना है कि दो दिनों पहले भी मृत कौवे मिले थे, लेकिन गुरुवार को 20-25 कौवों के मरने से लोगों में भय व्याप्त हो गया।
पोल्ट्री व्यवसाइयों को हिदायत
पशु पालन विभाग ने गुरुवार दोपहर पोल्ट्री व्यवसाइयों के साथ बैठक कर उन्हें बीमारी के प्रति जागरूक किया। पोल्ट्री व्यवसाइयों को बताया गया है कि मुर्गियों में कोई भी परिवर्तन जैसे पैरों व आंखों का रंग बदलना व गर्दन का ऐंठना दिखाई दे, तो तुरंत सूचना दें। कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में कहा गया है कि प्रदेश के सभी जिलों के पशु चिकित्सा विभाग के जिला कार्यालयों में कंट्रोल रूम की स्थापना के साथ ही पीपीई किट भी उपलब्ध कराई जाए, जिससे सैंपल एकत्र करने जाने वाले अमले को अनिवार्य रूप से पीपीई किट दी जा सके। जिलों में पदस्थ पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक हर रोज पशुपालन भोपाल को निर्धारित फॉर्मेट में रिपोर्ट भेजेंगे। मुर्गियों, कौवों और प्रवासी पक्षियों आदि की असामान्य मृत्यु और बीमारी की सूचना मिलते ही उस स्थान को तुरंत सैनिटाइज कराएंगे।
रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई
एसीएस ने कलेक्टर्स से कहा गया है कि कुक्कुट पालक और जनसामान्य को बर्ड फ्लू रोग से बचाव की जानकारी दी जा सके। जिले में भ्रमण के दौरान पक्षियों की बीमारी और मृत्यु की जानकारी पर तुरंत भोपाल भेजी जाए। रैपिड रिस्पांस टीम बनाई गई हैं, जो कोई केस मिलने की स्थिति में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए तत्काल कार्रवाई करेगी। सभी जिलों के पोल्ट्री, पोल्ट्री उत्पाद बाजार, तालाबों की विशेष निगरानी करने के साथ ही सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
भोपाल में बनाया गया बर्ड फ्लू का कंट्रोल रूम, बगैर पीपीई किट पहने नहीं लिया जाएगा सैंपल
