वॉशिंगटन, कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से घर में बैठे हैं, तो भले ही लग रहा हो कि समय थम गया है, लेकिन आंकड़ों के मुताबिक समय दरअसल तेजी से भाग रहा है। ऐसा सिर्फ कहने के लिए नहीं बल्कि वाकई धरती अपने अक्ष पर सामान्य से ज्यादा तेजी से घूम रही है। इसकी वजह से दिन की लंबाई 24 घंटे से कुछ छोटी हो गई है। अब इस पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या गणना कर इसे ठीक किया जाना चाहिए या नहीं।
इससे पहले कभी ‘निगेटिव लीप सेकंड’ को समय में जोड़ा नहीं गया है, लेकिन 1970 से अब तक 27 बार एक सेकंड को बढ़ाया जरूर गया है, जब धरती ने 24 घंटे से ज्यादा का समय एक चक्कर पूरा करने में लगाया हो। हालांकि, पिछले साल में उसे कम समय लग रहा है। सन 1960 के बाद से एटॉमिक घड़ियां दिन की लंबाई का सटीक रेकॉर्ड रखती आई हैं।
इनके मुताबिक 50 साल में धरती ने अपने एक्सिस पर घूमने में 24 घंटे से कम 86,400 सेकंड का वक्त लगाया है। हालांकि, 2020 के बीच में यह पलट गया और अब एक दिन पूरा होने में 86,400 सेकंड से कम का वक्त लग रहा है। जुलाई 2020 में दिन 24 घंटे से 1.4602 मिलीसेकंड छोटा था जो अब तक का सबसे छोटा दिन था। अब औसतन हर दिन 0.5 सेकंड पहले खत्म हो जाता है। समय में हो रहे इस बदलाव के बड़े स्तर पर कई असर हो सकते हैं। सैटलाइट और संपर्क उपकरण सोलर टाइम के हिसाब से काम करते हैं जो तारों, चांद और सूरज की स्थिति पर निर्भर होता है। इसे बरकरार रखने के लिए पेरिस की इंटरनेशनल अर्थ रोटेशन सर्विस पहले लीप सेकंड जोड़ती रहती थी।