भोपाल, राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्र कड़ाके की ठंड की चपेट में हैं। प्रदेश में दो दिन बाद एक बार फिर मौसम का मिजाज बिगड़ सकता है। दो जनवरी से बादल छाने लगेंगे। साथ ही गरज-चमक के साथ प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के चलते रात में जहां सर्द हवाओं से प्रदेश ठिठुर रहा है, वहीं दिन में भी सिहरन बरकरार है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं के कारण प्रदेश के उत्तरी भाग में रात के तापमान में तेजी से गिरावट हो रही है। ग्वालियर, दतिया में तो पारा तीन डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा है। शुक्ला के मुताबिक छत्तीसगढ़ पर बने सिस्टम के कारण अपेक्षाकृत नमी नहीं मिल पाने के कारण फिलहाल बरसात की संभावना नहीं है, लेकिन दो दिन बाद प्रदेश में पूर्वी और पश्चिमी हवाओं का सम्मिलन होने की संभावना है। इस सिस्टम के कारण मौसम का मिजाज एक बार फिर बिगड़ने लगेगा। इसके असर से ग्वालियर, चंबल, सागर, भोपाल और उज्जैन संभाग में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ रुक-रुक बरसात होने का दौर शुरू हो सकता है। इस दौरान कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं। मौसम का इस तरह का मिजाज दो-तीन दिन तक बना रह सकता है।उधर छत्तीसगढ़ पर एक प्रति चक्रवात बना होने से पश्चिमी मध्यप्रदेश में आंशिक बादल छाने लगे हैं। इससे रात के तापमान में अधिक गिरावट नहीं हो पा रही, लेकिन बादलों के कारण दिन के तापमान में गिरावट दर्ज हो रही है। साथ ही हवा की रफ्तार 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा बनी रहने से दिन में सिहरन बरकरार है।