भोपाल, 28 दिसंबर से होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र का स्वरूप अभी तक तय नहीं हो सका है। इसको लेकर 26 या 27 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई जा सकती है। इसमें कोरोना की स्थिति को देखते हुए सहमति के आधार सदन चलाने को लेकर निर्णय लिया जाएगा। उधर, विधानसभा सचिवालय ने विधायकों की सदन में शारीरिक उपस्थिति और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में हिस्सा लेने के विकल्प पर तैयारी शुरू कर दी है। विधानसभा परिसर स्थित चिकित्सालय में अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना जांच शुरू हो गई है।
वहीं, कलेक्टरों से विधायकों की कोरोना महामारी से जुड़ा प्रतिवेदन मांगा गया है। सत्र में 28 नए विधायकों को शपथ दिलाने, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव कराने के अलावा धर्म स्वातंत्र्य, दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन), अनुपूरक बजट सहित अन्य महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत किए जाएंगे। प्रदेश में इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण विधानसभा का कोई भी सत्र विधिवत नहीं हो सका। फरवरी में बजट सत्र होना था लेकिन कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखते हुए सत्र स्थगित हो गया और फिर सत्ता परिवर्तन हो गया। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वास मत हासिल किया। वर्ष 2020-21 का बजट तक अध्यादेश के माध्यम से लाना पड़ा और संवैधानिक अनिवार्यता के कारण मानसून सत्र चंद घंटे का हुआ। आपसी सहमति से दोनों दलों के सीमित विधायकों को बुलाया गया और पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विधायक जिला मुख्यालय से कार्यवाही का हिस्सा बने।
सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था होगी
कोरोना संक्रमण की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है पर सावधानियां जरूरी हैं। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने सत्र की तैयारियों को लेकर दोनों दलों के सचेतकों को बुलाया था। भाजपा से संसदीय कार्यमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा और कांग्रेस से पीसी शर्मा मौजूद थे। दोनों पक्षों से विधिवत सदन की कार्यवाही संचालित करने की बात रखी गई। यह भी सुझाव दिया गया कि बैठक व्यवस्था इस तरह रहे कि सदस्यों के बीच पर्याप्त दूरी रहे। ट्रांसपेरेंट शीट भी लगाई जाए। वहीं, सचिवालय ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र और कलेक्टरों को पत्र लिखकर पहले की तरह वीडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था बनाकर रखने के निर्देश दिए हैं। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि सदन की कार्यवाही से सीधे जुडऩे के लिए लिंक भी दी जा सकती है। इस विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। इसमें सदस्य को जिला मुख्यालय तक नहीं आना होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ का 26 दिसंबर को भोपाल लौटने का कार्यक्रम है। इस दिन या 27 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक होगी।
27 को विधायक दल की बैठक
27 दिसंबर को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में रणनीति तय करेगी। बैठक शाम को पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के आवास पर आयोजित की है। इसमें किसान आंदोलन के समर्थन और कृषि कानूनों के खिलाफ 28 दिसंबर को होने वाले विधानसभा के घेराव को लेकर भी चर्चा की जाएगी। भाजपा विधायक दल की बैठक 27 दिसंबर को शाम 5बजे मुख्यमंत्री आवास में होगी। उसमें सभी विधायकों को बुलाया गया है।