भोपाल, मध्यप्रदेश का आसन्न मानसून सत्र सरकार की मुसीबतें बढ़ाने वाला होगा।विधायकों ने प्रश्न लगाना शुरू कर दिए हैं। इसमें 80 फ़ीसदी प्रश्न किसानों से संबंधित हैं।इसमें भारतीय जनता पार्टी विधायकों के जो प्रश्न आए हैं ,उसमें भी किसानों से संबंधित ज्यादा प्रश्न है।
अभी तक विधानसभा सचिवालय को 1700 से अधिक प्रश्न प्राप्त हुए हैं।इनमें से 1350 प्रश्न मंदसौर गोलीकांड,किसान आंदोलन, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के उपवास पर हुए खर्च,प्याज खरीदी,समर्थन मूल्य ,किसानों पर कर्ज,कृषि उपज मंडी पर कृषि उपज की खरीदी नहीं होने से संबंधित हैं।
विधानसभा सचिवालय के अनुसार 26 जून से लेकर 30 जून तक सचिवालय विधायकों के प्रश्न स्वीकार करेगा।11 जुलाई से स्थगन सूचनाएं और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव तथा नियम 267 के अंतर्गत सूचनाएं विधायक दे सकेंगे। मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू होगा और यह 28 जुलाई तक चलेगा।
मानसून सत्र में विपक्ष काफी आक्रमक होगा। मंदसोर गोलीकांड, किसानों की आत्महत्या, किसानों की कर्जमाफी, आत्महत्या पर मुआवजा, मंदसौर पुलिस फायरिंग पर जिम्मेदारी तय करने,मुख्यमंत्री के उपवास पर किए गए खर्च ,जीएसटी ,समर्थन मूल्य,प्याज खरीदी तथा संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा इस बार विपक्ष के निशाने पर होंगे।भारतीय जनता पार्टी के विधायक भी अगले वर्ष होने वाले चुनाव को देखते हुए किसानों और आम जनता से जुड़े हुए मसलों को उठा रहे हैं। वर्तमान में जो स्थिति देखने को मिल रही है। मध्य प्रदेश का मानसून सत्र काफी हंगामेदार होगा।