हादसों को रोकने के लिए अब चलती ट्रेन में गेट पर सेल्फी लेने पर जाना होगा जेल

भोपाल, आजकल युवाओं में नया ट्रेंड आ गया है चलती हुई ट्रेनों के गेट पर स्टंट करते हुए फोटो एवं वीडियों बनाकर उन्हें वायरल करने का। इस ट्रेंड के कारण अभी तक कई युवा हादसों के शिकार हो चुके हैं, जबकि कई परिवारों के घरों का चिराग भी बुझ चुका है। इन स्टंट को करने के पीछे जो अभी तक सबसे बड़ा कारण निकलकर आया है वह है इंटरनेट मीडिया पर वीडियों पर मिलने वाले हिट्स है। रेलवे ने ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्ती बरतनी प्रारंभ कर दी है। अब अगर कोई युवा चलती ट्रेन के गेट पर खड़े होकर, एवं ट्रेन के साथ दौड़ लगाते हुए आदि मामलों की फोटो लेता है उसे जेल की हवा खानी पड़ेगी। इसके लिए जीआरपी एवं आरपीएफ को रेलवे विभाग ने निर्देशित कर दिया है।
रेलवे ने हादसों पर रोक लगाने के लिए डेंजर पाइंट चिन्हित किए हैं। इनमें चलती ट्रेन के गेट पर लटककर सेल्फी लेना एवं वीडियों बनाना। रेलवे ट्रेक पर खड़े होकर सेल्फी लेना एवं वीडियों बनाना। ट्रेन की छत पर एवं दो कोचों के बीच कपलिंग पर खड़े होकर सेल्फी लेना। रेलवे क्रासिंग के बीच बूम पर खड़े होकर सेल्फी लेना। ओएचई या पावन सप्लाई आफिस के पास खड़े होकर सेल्फी लेना व वीडियों बनाना। आदि शामिल हैं। ऐसे मामलों पर निगरानी रखने के लिए जीआरपी एवं आरपीएफ को निर्देशित किया गया है। इस निर्देश के तहत अब यह लोग इंटरनेट मीडिया पर भी निगरानी रखेंगे। साथ ही कोई ऐसा मामला सामने आता है तो आरेापित के खिलाफ तत्काल कार्रवाई कर उस पर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा। साथ ही आरोपित को न्यायालय में पेश कर जेल भी भेजा जा सकता है।
प्लेटफार्म से ट्रेन तक चल रहे अवैध वेंडर
उधर रेलवे स्टेशन परिसर से लेकर प्लेटफार्म, ट्रेन और आउटर पर अवैध वेंडर फिर बढ़ गए हैं। भोपाल रेलवे स्टेशन से लेकर सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन और यहां से गुजरने वाली ट्रेनों में इन दिनों अवैध वेंडर की बाढ़ सी आ गई है। इन्हें स्टेशन और ट्रेन की सीमा पर आने से रोकने की जिम्मेदारी आरपीएफ को दी गई है, लेकिन इनके ही लोगों की सह पर यह चल रहे हैं। आरपीएफ के डीजी अरूण कुमार ने कोरोनाकाल के पूर्व अवैध वेंडर को लेकर जितनी सख्ती दिखाई वो इन दिनों कहीं नजर नहीं आ रही है। आरपीएफ खुले तौर पर अवैध वेंडर पर कार्रवाई करने की बजाए उन्हें सिर्फ समझाइश देकर छोड़ रही है।
सरकारी-प्राइवेट बंगलों में चल रही मेस
रेलवे स्टेशन से लगे रेलवे क्वार्टर और निजी कमरों में बकायदा खाने बनाने के लिए किचन बनाया गया है, जहां पर अवैध वेंडर खाना बनकर, पैक कर स्टेशन या आउटर से ट्रेनों में चढ़ते हैं और खाना बेचते हैं। एक या दो नहीं बल्कि दर्जनों अवैध वेंडर ट्रेन में सवार होकर खाने से लेकर नाश्ता, फास्ट फूड बेंच रहे हैं। आरपीएफ के साथ जीआरपी भी मिलकर इस काम में उनकी मदद कर रही है।

 

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