भोपाल, पर्यटकों को लुभाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ‘बफर में सफर” योजना शुरु करने जा रही है ताकि प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधारी जा सके।राज्य सरकार योजना के तहत प्रदेश के सभी संरक्षित क्षेत्रों (नेशनल पार्क, अभयारण्य) में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधरने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस सिलसिले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 24 नवंबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पहुंच रहे हैं, पार्क में बैठक होगी। जिसमें सभी टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक और वन्यप्राणी विशेषज्ञों को बुलाया गया है। उनसे संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ाने पर चर्चा होगी। प्रदेश के बिगड़े आर्थिक हालातों में सरकार को पर्यटन से खासी उम्मीदें हैं। सरकार को धार्मिक, प्राकृतिक पर्यटन से ज्यादा संभावनाएं वन्यप्राणी पर्यटन में नजर आ रही हैं। क्योंकि प्रदेश ने दोबारा टाइगर स्टेट का तमगा पा लिया है। इसलिए पर्यटकों को लुभाना ज्यादा आसान है। इसे देखते हुए सरकार संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन बढ़ाना चाहती है। बफर में सफर के तहत इसकी विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाना है। प्रस्तावित बैठक में इस कार्ययोजना पर मुख्यमंत्री अधिकारियों से बात करेंगे। साथ ही आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में शामिल वन एवं वन्यप्राणियों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा होगी।सूत्र बताते हैं कि सरकार मानसून पर्यटन भी शुरू कर सकती है। इसके बाद मानसून के दौरान भी पर्यटक जंगलों की सैर कर सकेंगे। हालांकि अभी यह तय होना शेष है कि पर्यटन किन क्षेत्रों में कराया जाएगा। ज्ञात हो कि वन्यप्राणियों के प्रजनन काल के चलते प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में एक जुलाई से 30 सितंबर तक हर साल पर्यटन बंद कर दिया जाता है। पन्ना टाइगर रिजर्व सहित जिला विश्व धरोहर घोषित किया गया है। सरकार पर्यटन बढ़ाने में इसका भी फायदा लेगी। बैठक में इस मुद्दे पर भी विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है। सरकार अगले तीन साल में देश के मानचित्र पर प्रदेश को एक पर्यटन राज्य के रूप में उकेरने की कोशिश में जुटी है।
सरकार प्रदेश की तीन कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व में टाइगर सफारी खोलना चाहती है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय इसकी मंजूरी पहले ही दे चुका है। मुख्यमंत्री इनकी प्रगति पर भी अधिकारियों से जानकारी हासिल करेंगे।