बिलासपुर, छत्तीसगढ़ की राजनीति में उस इंतजार पर विराम लग गया, जब प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की पत्नी व कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी ने बरसो बाद अपनी खामोशी की चुप्पी को तोड़कर कांग्रेस को बाय-बाय कह दिया और कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए पार्टी को अलविदा पैगाम दिया। उन्होंने कहा कि ये समय कांग्रेस से विदाई की बेला का है।उनका कहना है कि- जिस तरह से मरवाही उप-चुनाव में सत्ता का दुरुपयोग कर प्रजातंत्र का गला घोंटा जा रहा है और जोगी परिवार की उपेक्षा की जा रही है, ये पूरा घटनाक्रम असहनीय है। मैं कांग्रेस विचारधारा से जरूर प्रभावित रही हूँ, परंतु मैं कांग्रेस में कदापि वापस नहीं जाऊंगी। मैं स्व. अजीत जोगी के आखरी सांस तक कांग्रेस विचारधारा से जुड़ी रही हूं, लेकिन उनके मरणोपरांत अपमान को मैं बिल्कुल भी बर्दाश नहीं कर सकती हूं। उन्होंने कहा- जिस तरह चुनाव अभियान के दौरान कांग्रेस नेता हमारे घर में ही आकर अपमान कर रहे हैं। कांग्रेस ने सरकार का गलत इस्तेमाल कर सभी मूल्यों को ताक में रखकर और अध्यादेश लागू करते हुए लोकतंत्र की हत्या की हैं। इनका केवल मकसद जोगी परिवार को चुनावी रण से बाहर करना और छ्वष्टष्टछ्व पार्टी के अस्तित्व को खत्म करने की कोशिश की है। मैं इन सब से बुरी तरह आहत हूं। लेकिन मेरी विचारधारा आज भी वही रहेगी। लेकिन पार्टी से अब मेरा मोह भंग हो चुका है। इस अपमान का बदला हम जरूर लेंगे। फिलहाल अब हमें चुनाव परिणाम का इंतजार करना है। मुझे पूरी उम्मीद है कि इस रिजल्ट में हमारी पार्टी के लिए सुखद परिणाम आने वाला है। बता दें मरवाही उपचुनाव की सियासत ने उस में उबाल आ गया जब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे पार्टी के खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह और बलौदा बाजार विधायक प्रमोद शर्मा पार्टी के भाजपा को समर्थन फैसले से नाराज होकर कांग्रेस को समर्थन देने के लिए पेंड्रा पहुंचकर मरवाही विधानसभा के उप चुनाव प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल की मौजूदगी में कांग्रेस को समर्थन दे दिया। इस घटनाक्रम से आहत जोगी कांग्रेस पार्टी ने प्रेसवार्ता आयोजित कर दोनों विधायकों को कांग्रेस में शामिल होने की चुनौती तक दे दी।
जोगी परिवार की उपेक्षा की जा रही, कांग्रेस में वापस नहीं जाउंगी -रेणु जोगी
