यूपी में राज्यसभा के लिए निर्दलीय प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद अब सभी दस उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय

लखनऊ,उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की दस सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर बुधवार को दिनभर सियासी हलके में खासी गहमागहमी रही। राजनीतिक दलों ने पूरे दिन बकायदा शह और मात का खेल खेला। कभी यह खबर आयी कि बसपा प्रत्याषी का नामांकन खारिज हो गया तो कभी सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याषी के नामांकन को लेकर तरह-तरह की चर्चायें उड़ीं। देर षाम तक संषय बना रहा लेकिन बाद में बसपा प्रत्याषी रामजी गौतम का नामांकन सही पाया गया। वहीं सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याषी प्रकाष बजाज का नामांकन खारिज हो गया। नामांकन खारिज होने के पीछे जो तर्क दिया गया उसमें कहा गया है कि उनके एक ऐसे प्रस्तावक थे जो विधानसभा के सदस्य ही नहीं है। देर शाम निर्वाचन आयोग के इस फैसले के बाद राज्यसभा के लिए वैध नामांकन करने वाले सभी दस प्रत्याषी निर्विरोध निर्वाचित होने में अब कोई कोर कसर बाकी नहीं रह गयी है।
दरअसल राजधानी में राजनीतिक सरगर्मी उस समय तेज हो गयी जब बहुजन समाज पार्टी के विधायकों ने बदावत का बिगुल फूंक दिया। पार्टी के पांच विधायकों असलम राईनी, हकीम लाल बिंद, हरि गोविंद भार्गव, मुस्तफा सिद्दीकी और असलम अली ने प्रत्याशी रामजी गौतम का विरोध जताया और बीजेपी से साठगांठ का आरोप लगाया है। बागी बसपा विधायकों ने निर्वाचन अधिकारी से कहा है कि उन्होंने प्रस्तावक के लिए हस्ताक्षर नहीं किए हैं। उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए हैं। इसके साथ ही विधायकों ने प्रस्तावक से अपना नाम वापस लेने की बात कही है। बसपा के विधायकों ने लिखकर दिया है कि राम जी गौतम के प्रस्तावक के रूप में उन लोगों ने दस्तखत नहीं किया। उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाए गए हैं। बागी विधायकों ने यह भी कहा कि कूटरचित हस्ताक्षर के लिए वह विधिक कार्रवाई करेंगे। उधर, बसपा विधानमंडल दल नेता लालजी वर्मा ने हलफनामा दाखिल कर कहा है कि विधायक झूठ बोल रहे हैं। सभी ने हस्ताक्षर किए हैं। इस बीच बसपा के बागी विधायकों ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। विधायकों के इस फैसले से बसपा प्रत्याशी की उम्मीदवारी पर संकट खड़ा हो गया।
वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी समर्थित निर्दल उम्मीदवार प्रकाश बजाज के नामांकन पत्र पर भारतीय जनता पार्टी ने आपत्ति जताई। भाजपा की ओर से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना व महामंत्री जेपीएस राठौर ने शपथपत्र अधूरा भरा होने के अलावा एक प्रस्तावक का नाम गलत होने की शिकायत निर्वाचन अधिकारी के पास दर्ज कराई है। संसदीय कार्य मंत्री खन्ना का कहना था कि जिस प्रस्तावक का नाम लिखा है उसका नाम वोटर लिस्ट में शामिल नहीं है।
चूंकि आज ही नामांकन पत्रों की जांच होनी थी ऐसे में देर शाम तक तमाम आपत्तियों की समीक्षा की गयी। बाद में बसपा प्रत्याषी रामजी गौतम का नामांकन वैघ घोषित किया गया जबकि सपा समर्थित निर्दलीय प्रत्याषी प्रकाष बजाज का नामांकन रद्द कर दिया गया। इस घटनाक्रम के बाद अब राज्यसभा के भाजपा के आठ, सपा व बसपा के एक-एक प्रत्याषी का निर्विरोध निर्वाचन लगभग तय हो गया है।

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