नई दिल्ली,देश के विविध हिस्सों में किसानों के प्रस्तावित ताज़ा आंदोलन की तैयारी ने सरकार की नींद उड़ा दी है। देश में बड़े आंदोलन के लिए 62 किसान संगठन एक मंच पर आ गए हैं। उन्होंने 3 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान कर दिया है। इस धरने में देश के कई राज्यों से हजारों किसानों के शिरकत करने का अनुमान हैं। खेती की हालत से बेहाल किसान इस दौरान एक दिन नीति आयोग का घेराव कर विरोध दर्ज कराएगा।
मध्य प्रदेश में आंदोलन के दौरान किसानों की गोली लगने से मौत के बाद भी पूरी तरह मांग नहीं माने जाने, महाराष्ट्र में आंदोलित किसानों को प्रताड़ित करने, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश करने, यूपी के किसानों के कर्ज अभी तक माफ नहीं करने, हरियाणा और पंजाब के किसानों की पुरानी मांगों के साथ किसानों का फसली की जगह पूरे देश में सारा कर्ज माफ करने जैसे मुद्दों को लेकर किसान लांमबद हुए हैं।
देश के 62 किसान संगठनों ने एक किसान महासंघ गठित किया है। उसके 7 संयोजक बनाए गए हैं। दो यूपी, एक हरियाणा, एक पंजाब, एक ओडिशा इसी तरह अन्य राज्यों से भी संयोजक बनाए गए हैं।
3 जुलाई के आंदोलन के लिए जनजागरण अभियान चलाया गया है। सभी राज्यों में संगठनों के पदाधिकारी गोष्ठी और बैठक कर रहे हैं। उनसे सरकार की तरफ से किए जा रहे सौतेले व्यवहार की जानकारी देकर दिल्ली पहुंचने की अपील की जा रही है।