भोपाल,मध्यप्रदेश में एमपी बोर्ड से जुड़े निजी स्कूल 21 अक्टूबर तक मांगे नहीं जाने पर 22 अक्टूबर को एक दिन की भूख हड़ताल रखेंगे। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन इस बीच धरने-प्रदर्शन के कार्यक्रम जारी रखेंगे। ऐसे में प्रदेश भर में संचालित हो रहे करीब 45 हजार प्राइवेट स्कूल बंद होने की कगार पर आ जाएंगे।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के सामने बहुत सी समस्याएं हैं, लेकिन सरकार उनकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है। अब हमारे पास भूख हड़ताल, धरना, प्रदर्शन और आंदोलन करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा। अगर सरकार मांगें नहीं मानती है, तो मध्यप्रदेश में जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर 1 दिन की भूख हड़ताल की जाएगी। इसके बाद प्रदर्शन शुरू होंगे। प्रदेश में एमपी बोर्ड के करीब 45 हजार और भोपाल में करीब 1800 निजी स्कूल हैं।
एसोसिएशन की प्रमुख 5 मांगें
प्राइवेट स्कूलों में अनिवार्य एवं निशुल्क शिक्षा आरटीआई के अंतर्गत छात्र-छात्राओं की वर्ष 2011-12 से वर्ष 2019 वर्ष की रोकी गई राशि का तत्काल भुगतान किया जाए।
प्राइवेट स्कूलों की कक्षा पहली से 12वीं तक की मान्यता संबंधी निरीक्षण परीक्षण को 5 वर्षों के लिए मान्यता का नवीनीकरण किया जाए।
शासन ने सभी गतिविधियों को शुरू कर दिया है, लेकिन स्कूलों को बंद रखा गया है। गाइडलाइन का पालन कराते हुए स्कूलों को तुरंत संचालित करने के आदेश दिए जाएं।
निजी स्कूल संचालकों से लिया जाने वाला प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली बिल, पानी बिल एवं जिन संचालकों द्वारा विभिन्न प्रकार के लोन लिए गए हैं, उनकी किस्त वर्तमान सत्र के लिए रोकी जाए तथा ब्याज माफ किया जाए।
7 महीने से स्कूल बंद है। ऐसे में निजी स्कूल संचालक कर्मचारियों और शिक्षकों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। इसके चलते उन्हें मानसिक और आर्थिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। शासन तत्काल उनकी आर्थिक मदद करे।
मप्र में निजी स्कूल मांगें नहीं माने जाने पर 22 को रखेंगे भूख हड़ताल
