नई दिल्ली,अर्थव्यवस्था में मांग को बढाने के साथ ही आर्थिक मामलों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई ऐलान किये। इनमें से खर्च बढ़ाने के भी उपाय जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। गरीब एवं कमजोर वर्ग की जरूरतों को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत पूरी करने की कोशिश की गई है। सप्लाई पर दबाव अब कम हो रहा है, लेकिन मांग अभी भी प्रभावित हुई है। कंज्यूमर खर्च बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से दो कंपोनेंट का ऐलान किया गया है। इसमें से पहला एलटीसी कैश वाउचर स्कीम है। वहीं, दूसरा स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम होगा। इसके अलावा अन्य ऐलान पूंजीगत व्यय से संबंधित है।
कंज्यूमर खर्च बढ़ाने के लिए एलटीसी के तहत कैश वाउचर स्कीम का ऐलान किया गया है। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों को 4 साल में एक बार एलटीसी का लाभ दिया जाएगा। एक एलटीसी उन्हें भारत में कहीं भी घूमने के लिए और एक होमटाउन जाने के लिए दिया जाएगा। भारत में कहीं और नहीं घूमने की स्थिति में होमटाउन जाने के लिए दो बार एलटीसी का लाभ दिया जाएगा। इस स्कीम के तहत कर्मचारियों के स्केल और पद के आधार पर उन्हें हवाई या ट्रेन यात्रा की प्रतिपूर्ति दी जाएगी। इसके अलावा 10 दिन की छुट्टी (पे + डीए) का भी प्रावधान होगा। एलटीसी कैश वाउचर स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों के पास लीव इनकैशमेंट के बाद कैश प्राप्त करने का विकल्प होगा। उन्हें तीन बार के लिए टिकट किराया, 12 फीसदी या उससे ज्यादा जीएसटी देयता वाले प्रोडक्ट्स खरीदने का खर्च दिया जाएगा। इसके लिए केवल डिजिटल लेनदेन की ही अनुमति होगी और जीएसटी इनवॉइस भी जमा करनी होगी। सरकार को उम्मीद है कि एलटीसी कैश वाउचर स्कीम से करीब 28,000 करोड़ रुपये के कंज्यूमर मांग बढ़ाने में मदद मिलेगी। केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा इन विकल्पों को चुने जाने की स्थिति में सरकार पर 5,675 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। पब्लिक सेक्टर बैंक और सरकारी कंपनियों के कर्मचारी इसका लाभ ले सकते हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि एलटीसी टिकटों पर राज्य कर्मचारी और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को टैक्स छूट का भी लाभ मिलेगा। ऐसे में अगर राज्य सरकारें या प्राइवेट कंपनियां ऐसे ऐलान करती हैं तो उनके कर्मचारियों को टैक्स छूट का यह लाभ मिलेगा।
स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम का भी किया ऐलान:
वित्त मंत्री ने गैर-राजपत्रित कर्मचारियों के लिए स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम का भी ऐलान किया है। राजपत्रित कर्मचारियों को इसका लाभ केवल एक ही बार दिया जाएगा। इस स्कीम के तहत सभी केंद्रीय कर्मचारी बिना ब्याज के 10,000 रुपये प्रीपेड रूपे कार्ड के जरिए ले सकते हैं। इसे 31 मार्च 2021 से पहले खर्च करना होगा।
पूंजीगत व्यय के लिए राज्यों को 50 साल के लिए बिना ब्याज का लोन:
राज्यों को 50 साल के लिए बिना ब्याज के पूंजीगत व्यय के लिए 12,000 करोड़ रुपये का स्पेशल लोन देने का भी प्रावधान है। निर्मला सीतारमण ने बताया कि पूर्वोत्तर राज्यों के लिए पहले हिस्से के तौर पर 1,600 करोड़ रुपये और उत्तराखंड हिमाचल प्रदेश के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। इसके अलावा दूसरे हिस्से में अन्य राज्यों को कुल 7,500 करोड़ रुपये स्पेशल लोन के रूप में दिये जाने का प्रस्ताव है। ज्यों का हिस्सा फाइनेंस कमीशन डिवॉलुशन के आधार पर तय किया जाएगा। तीसरे हिस्से में उन राज्यों को 2,000 करोड़ रुपये का लोन देने का प्रस्ताव है, जिन्होंने आत्मनिर्भर वित्तीय पैकेज के 4 में से 3 रिफॉर्म्स को पूरा किया है।
राज्यों और केंद्र के पूंजीगत व्यय पर ज्यादा जोर:
वित्त मंत्री ने बताया कि इन्फ्रास्ट्रक्चर और संपत्ति तैयार करने वाले खर्च का अर्थव्यवस्था पर कई प्रकार से असर पड़ता है। इससे न केवल मौजूदा जीडीपी को सपोर्ट मिलता है, बल्कि भविष्य की जीडीपी को भी बल मिलता है। उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए हम राज्यों और केंद्र के पूंजीगत व्यय पर ज्यादा जोर देंगे। उन्होंने बताया कि बजट 2020 में 4.13 लाख करोड़ रुपये के अलावा अतिरिक्त 25,000 करोड़ रुपये रोड, डिफेंस, पानी सप्लाई, शहरी विकास और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए पूंजीगत खर्च के रूप में दिया जाएगा।