भोपाल,। उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही भाजपा में प्रत्याशियों के नामों पर मंथन तेज हो गया है। बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में नामों पर विचार-विमर्श किया गया। उधर, भाजपा सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव में सिंधिया समर्थक पूर्व विधायकों में से 4-5 के चुनाव लडऩे पर खतरा मंडरा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को इस संदर्भ में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अवगत करा दिया है। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने नड्डा को बताया है कि अभी तक संघ की 3 सर्वे रिपोर्ट में सिंधिया समर्थक 4-5 पूर्व विधायकों की स्थिति खराब बताई गई है। ऐसे में इनको टिकट देकर खतरा मोल लेना पार्टी हित में नहीं होगा।
भाजपा सूत्रों का कहना है कि सिंधिया के साथ जिन 22 पूर्व विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा है, उनमें से लगभग सभी के खिलाफ उनके विधानसभा क्षेत्र में असंतोष है। लेकिन 4-5 पूर्व विधायकों के क्षेत्र में इस कदर असंतोष है कि अगर उनको टिकट दिया गया तो उनका हारना तय है। इसी रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को जेपी नड्डा सहित पार्टी के अन्य नेताओं से दिल्ली में चर्चा की।
सिंधिया सभी को टिकट देने पर अड़े
सूत्र बताते हैं कि संघ की तीनों रिपोर्ट का हवाला देकर जेपी नड्डा ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी इस संदर्भ में बात की है। लेकिन सिंधिया ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि उनके सभी समर्थकों को टिकट दिया जाए। बताया जाता है कि इस संदर्भ में बुधवार को चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में भी चर्चा हुई है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि सिंधिया को मनाने की कोशिश चल रही है। अगर सिंधिया मान गए तो उनके समर्थक 4-5 पूर्व विधायकों का उपचुनाव लडऩे का सपना टूट सकता है।
लगभग सभी नाम तय
संभावना जताई जा रही है कि भाजपा जल्द ही 28 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर सकती है। जौरा, आगर और ब्यावरा सीटों को छोड़कर बाकी 25 सीटों पर वही नेता संभावित उम्मीदवार हैं जो विधायकी के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। जौरा में सुबेदार सिंह सिकरवार और आगर में पूर्व विधायक मनोहर ऊंटवाल के बेटे बंटी उंटवाल का नाम तकरीबन तय है।
एक-एक नाम पर हुई चर्चा
प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रत्याशियों के साथ ही उपचुनाव की अन्य तैयारियों को लेकर पार्टी नेताओं की बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय, थावरचंद गेहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते, संगठन महामंत्री सुहास भगत, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, लाल सिंह आर्य, सुधीर गुप्ता और ओमप्रकाश धुर्वे शामिल हुए।
चुनावी रणनीति पर चर्चा
सभी पदाधिकारियों की मौजूदगी में पार्टी ने तय किया कि चुनाव कैसे जीतना है और इसकी रणनीति क्या होगी। बैठक में यह भी तय किया गया कि उपचुनाव में किस विधायक, सांसद और प्रदेश पदाधिकारी की क्या भूमिका होगी। उपचुनाव के लिए बनाई गई चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक व मंत्री भूपेंद्र सिंह स्वागत और रणनीतिक बैठक के पहले प्रबंध समिति की बैठक ली। इसके बाद उन्होंने पार्टी की प्लानिंग और चुनावी तैयारियों की जानकारी सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों को दिया कि किस तरह से चुनाव जीतने के लिए रणनीति तय की गई है।