एमवाय अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से पांच की मौत

इंदौर ,मध्यप्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर के एमवाय अस्पताल में गुरुवार सबेरे तीसरी और पांचवी मंज़िल पर हड़कंप मच गया जब अलग -अलग बिमारियों में भर्ती कुछ मरीजों की मौत हो गयी. क्योकि उक्त दोनों मंजिलों पर ऑक्सीजन की सप्लाई रुक गयी थी लिहाजा इन मौतों को इसी सन्दर्भ में देखा जा रहा है. उधर
सूत्रों ने कहा की ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने से कुछ बच्चों की भी मौत हुए है.अस्पताल से जुड़े सूत्रों का कहना है की इस वजह से चार बच्चों सहित नौ लोगों की मौत हुई है. हालाँकि प्रशासन का कहना है की इसमें पांच लोगों की मौत हुई है. मृतकों में नारायण पिता उदयराम ४५ साल जगदीश पिता दयाराम ५० साल,उज्जैन निवासी ७० साल के एक बुजुर्ग और गीताबाई बताई जा रही है.

ऑक्सीजन बंद होने से नहीं हुई मरीजों की मौत : संभागायुक्त

मरीजों की मौत की ख़बर को संभागायुक्त संजय दुबे ने निराधार बताया है। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि अस्पताल में कोई भी मौत ऑक्सीजन के बन्द होने की वजह से नहीं हुई है।
संभागायुक्त दुबे ने कहा कि एम.वाय. अस्पताल में गुरूवार सुबह जिन लोगों की मौत हुई है, वे सभी अलग-अलग वार्डों में भर्ती थे। ऐसे में ऑक्सीजन बंद होने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने बताया कि एमवाय अस्पताल में आठ लोगों की मौत हुई है, लेकिन मौत का कारण आक्सीजन का बंद होना नहीं, बल्कि उनकी गंभीर बीमारी है। किसी भी बच्चे की मौत नहीं हुई है।

उन्होंने कहा कि 1400 बिस्तरों वाले अस्पताल में औसतन 10 से 12 मौत रोज होती हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि यह बहुत ही संवेदनशील मामला है। अत: प्रशासन को भी सामने आना पड़ा। उन्होंने कहा कि खबरों के बाद उन्होंने अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया है।उधर,लोक सभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरद जैन से बात कर एम.वाय. हॉस्प‍िटल की घटना को गंभीर बताते हुए इसकी समुचित व निष्पक्ष जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
सांसद प्रतिनिधि रामस्वरुप मूंदड़ा ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही श्रीमती महाजन ने अपने प्रतिनिधि संजय अग्रवाल को तुरंत एम वाय भेजा और घटना की विस्तृत जानकारी तुरंत देने के निर्देश दिए। अग्रवाल तुरंत एम वाय पहुंचे तथा वहां उन्होंने सारे तथ्य एकत्रित कर ताई जी को बताए। श्रीमती महाजन ने घटना पर गहरा दुःख प्रकट किया तथा तुरंत चिकित्सा शिक्षा मंत्री को फोन लगाकर निर्देश दिए। आपने श्री जैन से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी स्तिथि में घटना की पुनरावृति भविष्य में ना हो।

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