छिन्दवाडा,मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या का सिलिसिला बदस्तूर जारी है। प्रदेश के मुखिया भले ही किसानों का दर्द दूर करने का आश्वासन दे रहे हों किन्तु असलियत कुछ और है।
छिन्दवाडा के उमरेठ थाना क्षेत्र के ग्राम कचराम में एक किसान ने खुदकुशी के ली है। किसान कर्ज के तले गले तक दबा था। बैंक, प्राइवेट फाइनेंस कंपनी और समूह का किसान पर कर्ज था। बिजली कम्पनी वाले किसान को परेशान कर रहे थे। जिससे परेशां होकर उसने जहर पी और जिला अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही जिले के सांसद कमलनाथ मृतक के घर सभी निर्धारित कार्यक्रम छोड़कर पहुंचे।
कचराम के श्यामकुमार यदुवंशी नमक इस किसान के घर ख़ुदकुशी करने के पहले विधुत कंपनी की टीम और बैंक वाले पहुंचे थे। किसान पर 6 लाख रुपए कर्ज और बिजली का बिल बकाया था। किसान पर कर्ज चुकाने का दबाव बनाया जा रहा था। किसान को कहीं से राहत नहीं मिल रही थी, जिसके चलते वह परेशान था।किसान के पास महज 2 एकड़ जमीन है जिससे परिवार का पालन भी करना था। कहीं से राहत नहीं मिलने के कारण किसान ने खुदकुशी का कदम उठाया। जहर खाने के बाद किसान श्यामकुमार को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान किसान ने दम तोड़ दिया। जिले के प्रभारीमंत्री और प्रदेश के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन दौरे पर है। पर वे किसान के घर तक नहीं पहुंचे।
किसान के ख़ुदकुशी करने की सूचना मिलते ही जिले के सांसद कमलनाथ किसान के घर पहुंचे। किसान के परिजनों से चर्चा की। किसान का पूरा कर्ज स्वयं सांसद कमलनाथ ने चुकाने की घोषणा की। किसान के परिजनों को आश्वसान दिया कि बिजली के बिल से लेकर सभी बैंक का कर्ज चुकाएंगे। हर सम्भव मदद देने का आश्वासन दिया। सांसद ने कहा भाजपा सरकार की रीति नीति के कारण ही किसान जहर खा रहे हैं। उन्होंने कहा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो सभी किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा।