बेंगलुरू,भारतीय हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान पृथकवास में रहने के कारण वह मानसिक रूप से मजबूत खिलाड़ी बने हैं। मनप्रीत उन छह हॉकी खिलाड़ियों में शामिल थे जो पिछले महीने राष्ट्रीय शिविर में कोविड-19 पॉजिटिव पाये गये थे। इस कारण उन्हें अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा था। अब वह पूरी तरह उबर गये हैं और अभ्यास सत्र में भी शामिल हो गये हैं। मनप्रीत ने कहा कि पृथकवास के दौरान उन्हें बाकी टीम का हिस्सा नहीं होने की कमी महसूस हो रही थी हालांकि इस दौरान हॉकी इंडिया, भारतीय खेल प्राधिकरण और सहयोगी स्टाफ ने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने का पूरा प्रयास किया। कप्तान ने कहा, ‘हॉकी इंडिया के अधिकारी लगभग रोज पता करने आते हैं कि हमें जो खाना दिया जा रहा है वह सही है या नहीं, हमारा इलाज ठीक से हो रहा है या नहीं, नियमित रूप से हमारे रक्त में आक्सीजन का स्तर जांचा जा रहा है या नहीं।’
उन्होंने कहा, ‘कोचिंग स्टाफ और टीम के साथी भी वीडियो कॉल के जरिए हमारे साथ संपर्क में थे। इससे हमें मनोबल बढ़ाए रखने में सहायता। मुझे लगता है कि इस अनुभव ने मुझे किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए मानसिक रूप से और मजबूत बना दिया है।’ अस्पताल में बिताए समय को लेकर इस खिलाड़ी ने कहा कि पृथकवास में रहना उनके और बाकी संक्रमित खिलाड़ियों के लिए मानसिक रूप से बेहद कठिन था। उन्होंने कहा, ‘मानसिक रुप से देखें तो यह आसान नहीं था। मैंने एक महीने से कुछ नहीं किया है और यह एक खिलाड़ी के जीवन में लंबा समय है विशेषकर तब जब आप प्रत्येक दिन सुधार करना और सर्वश्रेष्ठ बनना चाहते हो।’