एक ऐसा भी वक्त था जब गोविंदा को कई निर्माता-निर्देशकों ने कर दिया था बाहर

मुंबई,बॉलीवुड में एक बार फिर नेपोटज्म (खेमेबाजी) का मामला ताजा हो गया है पर यह नया नहीं कहा जा सकता है। बॉलीवुड में कई दिग्गज अभिनेता भी इसका शिकार हुए हैं। यहां तक कि अभिनेता गोविंदा को भी एक समय कई निर्माता-निर्देशकों ने बाहर कर दिया था और उन्हें फिल्में मिलनी बंद हो गयीं थीं। उनकी पफिल्मों की रिलीज तक रोकी गयी है।
गोविंदा का दर्द कई बार उभरा है। उन्होंने अपने स्ट्रगल के दौरान कई समस्याएं झेली। गोविंदा का कहना है कि इसी कारण वह अपना स्टारडम भी एंजॉय नहीं कर पाये।
गोविंदा का कहना है कि उन्हें अपने स्ट्रगल के समय कई बड़े निर्माता-निर्देशकों ने उनके ऑफिस से बाहर कर दिया था। तब उन्हें लगता था कि मैं भीख मांग़ने आया हूं जबकि मैं उनके हाथ जोड़ता था। कभी-कभी उनसे लड़ाई भी हो जाती थी कि मुझे मना कर दो कि काम नहीं लेकिन इस तरह से बाहर मत करो।
निर्माता-निर्देशक धमकाकर कुछ कहते तो मैं भी लड़ जाता था। मैं कहता कि यहां मैं भीख मांगने के लिए नहीं खड़ा हूं, एक थप्पड़ दूंगा तो बात करने की तमीज आ जाएगी। मैं आपसे काम मांगने आया हूं, काम नहीं है तो प्रेम से कहो। ऐसे बदतमीजी से भगाओ नहीं।
साथ ही गोविंदा ने यह भी बताया कि सफलता के बाद उन्होंने कभी अपनी स्टारडम एंजॉय नहीं की। इसका कारण बताते हुए गोविंदा ने कहा कि मैंने कभी भी अपना स्टारडम इंजॉय नहीं किया, यह मेरी लाइफ की सबसे बड़ी दिक्कत थी।
तो मेरा दिमाग हमेशा पूजा-पाठ में लगा रहता था। अब लगता है कि मुझे एंजॉय करना चाहिए था, थोड़ा ड्रिंक करना चाहिए, थोड़ा ऐश करना चाहिए, घूमना-फिरना चाहिए। जवानी भी लौट कर नहीं आती है। दरअसल मुझ पर बड़ी जिम्मेदारियां थी इसलिए मैं उन्हें निभाने में ही रह गया। अब मैं इंजॉय करना चाहता हूं। अब अगर इंजॉय करूंगा तो पता नहीं लोग क्या कहेंगे।
गोविंदा ने साथ ही कहा कि उन्हें जीवन में बहुत से अच्छे लोग भी मिले जिन्हें वे अपनी सफलता का कारण मानते हैं। गोविंदा ने कहा कि स्ट्रगल के दौरान एक बंगाली भाई थे जो मुझे खाना खिलाते थे तो पैसे नहीं लेते थे, यहां तक कि डांस मास्टर-फाइट मास्टर भी अपनी फीस मुझसे नहीं लेते थे। यह सब भगवान की कृपा थी।

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