रसोई गैस के लिए सब्सिडी की उम्मीद को फिलहाल छोड़ ही दें

नई दिल्ली, रसोई गैस सिलेंडर की पूरी कीमत चुकाकर उपभोक्ता बैंक खाते में सब्सिडी आने का इंतजार कर रहे हैं, तो यह इंतजार खत्म नहीं होगा। क्योंकि, घरेलू इस्तेमाल वाले सब्सिडी और गैर सब्सिडी सिलेंडर की कीमत बराबर है। इसलिए दो-तीन माह से उपभोक्ताओं के खाते में कोई सब्सिडी जमा नहीं की गई है। उपभोक्ताओं को आगे भी सब्सिडी मिलने की उम्मीद कम है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमत कम है। इसके बावजूद सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां लगातार सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि करती रही। पिछले साल जुलाई में सब्सिडी गैस सिलेंडर की कीमत 494.35 रुपये थी। एक साल के अंदर 14.2 किलो के घरेलू सब्सिडी गैस सिलेंडर की कीमत में करीब सौ रुपये प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई है। मौजूदा समय में गैर सब्सिडी और सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत करीब 594 रुपये है। सब्सिडी और गैर सब्सिडी घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की कीमत बराबर होने से प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभार्थियों पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा। क्योंकि, कोरोना महामारी के दौरान सरकार की तरफ से घोषित पैकेज के तहत लाभार्थियों की तीन गैस सिलेंडर मुफ्त उपलब्ध कराए जा रहे हैं, हालांकि बाद में उन्हें ही पूरी कीमत चुकानी पड़ सकती है। रसोई गैस सब्सिडी खत्म होने से सरकार को करीब बीस हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने 22 हजार 635 करोड़ रुपये की गैस सब्सिडी दी थी। जबकि वर्ष 2018-19 में 31 हजार 447 रुपये की सब्सिडी दी थी। पर सिलेंडर पर कोई सब्सिडी नहीं होने से इस साल सरकार को सब्सिडी पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ेगा। देश में करीब 28 करोड़ गैस कनेक्शन हैं। इनमें से 26 करोड़ 72 लाख उपभोक्ताओं के खातों में डीबीटीएल के जरिए सब्सिडी जाती थी। एक करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर गैस सब्सिडी पहले ही छोड़ दी थी। विशेषज्ञों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत कम है, ऐसे में सब्सिडी और गैस सब्सिडी गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बड़ा अंतर होने की उम्मीद बहुत कम है।

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