पटना, बिहार राज्य में चुनाव के पहले राजनीतिक दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर संग्राम शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यू दोनों सीटों का बंटवारा बराबर से करने पर अड़े हुए हैं। वहीं चिराग पासवान भी 25 से 30 सीटें मांग रहे हैं। सीटों के बंटवारे में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने चुप्पी साध रखी है। वही चिराग पासवान आक्रमक होकर सामने आए हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है, भाजपा अपने कोटे से चिराग पासवान को सीटें दे। इससे 243 विधानसभा सीटों में भाजपा को सीटों के बंटवारे में जनता दल यू की तुलना में बहुत कम सीटें मिलेंगी। वहीं बिहार भाजपा के नेताओं का दबाव है, कि इस बार चुनाव बिना नीतीश कुमार के लड़ने से भाजपा को ज्यादा फायदा होगा। भाजपा कम से कम बिहार में 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। कोरोना संक्रमण के बाद जिस तरीके से प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और भाजपा की स्थिति कमजोर हुई है। उससे नीतीश कुमार अब भाजपा से पल्ला झाड़ने की कवायद में जुट गए हैं । भाजपा ऐसी स्थिति में बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व राष्ट्रपति शासन लगने की अटकलें बड़ी तेजी के साथ शुरू हो गई हैं। सीमा पर जिस तरीके से तनाव बना हुआ है सरकार अर्धसैनिक बलों की तैनाती सीमा पर कर रही है। कोरोना संक्रमण के कारण चुनाव आयोग को जो विशेष इंतजाम करने पड़ेंगे। उसके अनुकूल स्थिति नहीं होने के कारण अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ ही बिहार विधानसभा के चुनाव टाले जा सकते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यू, लोजपा, जीनत राम मांझी की पार्टी एवं अन्य छोटे-छोटे क्षेत्रीय दलों को जातीय आधार पर गठबंधन में शामिल करने की होड़, जनता दल यू और भाजपा में लग गई है।शरद यादव के पुनः जनता दल यू में जाने की खबर से बिहार की राजनीति में सरगर्मी बढ़ गई है।
बिहार में सीटों की बराबरी पर अड़े नीतीश, चिराग ने भी अपनाये आक्रमक तेवर
